संकट की घड़ी में विदेशी परिवार के आये काम और कराया अंतिम संस्कार
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। अजय गुप्ता भाजपा नेता भी हैं और व्यापार मंडल में भी राष्टÑीय पदाधिकारी हैं। लेकिन उनका ट्रैक राजनीति से ज्यादा मानव सेवा पर रहता है। कोरोना काल में उन्होंने चिकित्सा सुविधाओं से लेकर राशन तक उपलब्ध कराया था। अजय गुप्ता तब ऐसा नाम बने थे जो जरूरतमंद लोगों के काम आया था। एक बार फिर अजय गुप्ता ने एक मिसाल पेश की है और उन्होंने अपने दामाद तथा समधी के साथ मिलकर एक ऐसे परिवार की मदद की जो परदेश में एक ऐसी विपदा का शिकार हो गया कि दुख भी बड़ा और उससे ज्यादा ये बात कि अब मृतक के शरीर को लेकर कैसे जायें। यहां पर अजय गुप्ता एक परिवार की तरह सामने आये और एक बेटी, एक पत्नी के लिए सहारा बने।
दरअसल मॉरिशस के रहने वाले पृथ्वीनाथ अपने ह्दय का ईलाज कराने के लिए भारत आये थे। उनके साथ उनकी बेटी और उनकी पत्नी भी दिल्ली के मणिपाल अस्पताल में आयीं थीं। मगर यहां मॉरिशस के रहने वाले पृथ्वीनाथ की उपचार के दौरान मृत्यु हो गयी। यहां पर मां और बेटी के सामने सबसे बड़ा संकट ये आ गया कि मृतक शरीर को ले जाने में एक लम्बी औपचारिकता पूरी करनी है और यहां मदद दूत बनकर अजय गुप्ता आये। दरअसल अजय गुप्ता के दामाद शिवम अग्रवाल ने वर्ष 2014 में मॉरिशस से अपनी पढ़ाई की थी। इसी दौरान शिवम का परिचय इस परिवार से हुआ था। संकट की घड़ी में मां बेटी ने शिवम को फोन मिलाया और उन्हें पूरा मामला बताया। शिवम अग्रवाल ने मानव धर्म का पालन किया और यहां अजय गुप्ता भी साथ आये। यहां पर शिवम अग्रवाल के साथ उनके पिता राजीव अग्रवाल ने भी मानवता का परिचय दिया और फिर ब्रजघाट पर मॉरिशस के रहने वाले पृथ्वीनाथ का अंतिम संस्कार कराया। हिंदू रीति रिवाज से जब पृथ्वीनाथ का अंतिम संस्कार हुआ तो सबको लगा कि वतन की मिटटी आखिर पृथ्वीनाथ को अंत समय में उनके देश लेकर आ गयी। मॉरिशस में 60 प्रतिशत आबादी भारत से गये हुए लोगों की है जो खेती करने के लिए गये थे और वहीं पर बस गये। अजय गुप्ता के दामाद और समधी ने मानवता का फर्ज निभाया और ये पूरा परिवार उन मां बेटी के ऐसे समय में काम आया जब परदेश में उन्होंने मदद के लिए इस परिवार को फोन मिलाया।