नोएडा। नोएडा में कोरोना के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिले में तीन दिन में कोरोना मरीजों की संख्या चार गुना तक बढ़ गई है। 24 घंटे में कोरोना के 603 नए रोगी मिले हैं। इनमें चार रोगी यूरोपीय देशों से आए हैं, जो कि कोरोना के हाईरिक्स देशों की श्रेणी में शामिल हैं। यहां सक्रिय रोगियों की संख्या भी बढ़कर 1708 हो गई है। कोरोना के रोगियों की संख्या में रोजाना वृद्धि हो रही है। चार जनवरी को जहां 165 कोरोना रोगी मिलने की पुष्टि हुई थी, वहीं छह जनवरी को 603 नए संक्रमित मिले हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि 555 संक्रमितों में आरटीपीसीआर और 48 में एंटीजन जांच से कोरोना की पुष्टि हुई है। अब तक जिले में 63078 रोगी इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें पिछले 24 घंटे में स्वस्थ हुए 13 मरीज भी शामिल हैं। अब तक जिले में कोरोना पीड़ित 468 रोगियों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं, कुल कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 65225 तक पहुंच चुका है। अब तक जनपद में कुल 1775080 नमूने लिए गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बावजूद लोग एहतियात नहीं बरत रहे हैं। लोगों से अपील है कि वे मास्क लगाएं और सामाजिक दूरी का पालन करें। जितना संभव हो सके भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जिले में अब तक 11931 लोग विदेशों से लौटे हैं। इनमें से यूरोपीय देशों समेत हाईरिक्स देशों से लौटे 2572 मरीज भी शामिल हैं। फिलहाल कैलाश अस्पताल में कोरोना के दो और जेपी अस्पताल में दस रोगी भर्ती हैं। वहीं, सेक्टर 39 स्थित कोविड अस्पताल के आईसीयू इंचार्ज डॉ.तृतीय सक्सेना ने बताया कि अस्पताल में कोरोना पीड़ित 22 रोगी भर्ती हैं। इनमें दो विदेशी रोगी भी शामिल हैं। किसी भी रोगी की हालत गंभीर नहीं हैं। जिले में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी भी तेजी से कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। दनकौर के डॉक्टर के कोरोना पॉजिटिव होने के अलावा सेक्टर 30 स्थित बाल चिकित्सा एवं स्नात्कोत्तर शैक्षणिक संस्थान के तीन डॉक्टर एवं चार स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हैं। अस्पताल की कार्यवाहक चिकित्सा निदेशक डॉ. ज्योत्सना मदान ने बताया कि कुछ रोगियों का होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। इसके अलावा भंगेल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एक स्टाफ नर्स, एफ फार्मासिस्ट और एक लैब टेक्नीशियन कोरोना पीड़ित हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद जिम बंद करने के आदेश से संचालक नाराज हैं। संचालकों ने कहा कि जब शराब के ठेके खुल सकते हैं तो जिम क्यों नहीं। संचालकों ने नो जिम, नो वोट अभियान चलाया है। जिम संचालक राहुल अत्रे ने कहा कि जिम सेहत से जुड़े हुए हैं। इसके बावजूद हर बार पहले जिम ही बंद करने के आदेश जारी होते हैं। कोरोना से बचाव के नियमों के पालन के साथ जिम खोलने की अनुमति जिला प्रशासन को देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवार का पालन पोषण जिम से होने वाली आमदनी पर निर्भर करता है। जिम खोलने का यदि आदेश नहीं दिया जाता है तो संचालकों को मुआवजा देना चाहिए।