-दीपक भाटी, समाचार सम्पादक
क्यों कहा कहने वाले ने कि मैं बहुत दिनों से कर रहा हूं यह जानने का
जतन? क्रांतिकारी विधानसभा में क्यों बंद हो गई है मावी जी की पवन?
सुना है नहीं सुनाई देता है उनका अब यहां पर कोई खास शोर? साइलेंट
मोड में आ गए हैं जब से क्रांतिकारी वालों ने छोड़ी है इनकी डोर? कहने
वाले ने कहा पहले तो नहीं था इनका ऐसा अंदाज? देखना भी है कि कब
तक कोप भवन में रहते हैं भाई साहब?
क्यों कहा कहने वाले ने कि क्रांतिकारी विधानसभा में इनका अंदाज था
कभी जोरदार? कभी साहब ने भी दिया था इन्हें अपने प्रतिनिधि वाला
प्रभार? मगर सुना है जब से यह हुए हैं चुनावी राजनीति से दूर? तब से
इनका भी उतरता हुआ दिख रहा है सक्रियता वाला फितूर? मावी जी की
तरह निठौरा जी भी हो गए हैं पॉलिटिकल साइलेंट? क्या इन्हें भी
क्रांतिकारी विधानसभा के बाकी खामोश नेताओं की तरह रहने
लगा है साइलेंस?
क्यों कहा कहने वाले ने कि आप भाजपा के महानगर कार्यालय पर सुबह
जाओ या शाम? आपके यहां पर एक ओबीसी चेहरा हर वक्त दिखाई देगा
विराजमान? लगातार आप देखोगे तो आपको होगा इसकी पार्टी के प्रति
सक्रियता का अहसास? कहने वाले ने कहा यह घर परिवार से बहुत
मजबूत है इसको बहुत सारा किराया बैठे हुए मिलता है साहब? समय
बिताने के लिए इसे करना पड़ता है यही काम? आ जाता है पार्टी कार्यालय
पर आखिर कहीं तो वक्त बिताना है श्रीमान?
क्यों कहा कहने वाले ने कि नामित वाले मिस्टर चौहान अपने एरिया में
महापुरुषों की मूर्ति लगाने को लेकर सुन रहे थे बहुत ज्यादा शोर? कह
रहे थे नगर निगम की बोर्ड बैठक से मूर्तियों को लगाने का प्रस्ताव पास
हुआ है, मैं नहीं होने दूंगा इस मामले को इग्नोर? कहने वाले ने कहा कि
हम तो कर रहे हैं चौहान साहब की प्रतिक्रिया का इंतजार? कब दिखाएंगे
वह बोर्ड बैठक में पास हुए प्रस्ताव की फाइल? लंबी होती जा रही है बात
कुछ ऐसा ही इशारा कर रही है उनके विरोधियों के चेहरे पर उभरी
हुई स्माइल?
क्यों कहा कहने वाले ने कि उपाध्यक्ष वाले मामले में सभी विधायकों ने
एकमत होकर दे दी थी शर्मा जी के नाम पर हामी? वह नहीं चाहते थे कि
इस मामले में हालात बने तूफानी? इसलिए जैसा ताकतवर लेडी जन
प्रतिनिधि चाहती थी वैसी चलने दी उन्होंने कहानी? सुना है सभी
जनप्रतिनिधियों ने दूसरी चाहत को पूरा करने का भी बना लिया है मन?
जिस दिन जीडीए बोर्ड के चुनाव की बात आएगी? तब भगवा चौधरी के
नाम पर मोहर लगाने में इनका मिलेगा ताकतवर लेडी जनप्रतिनिधि से
मन? मानकर चलो अभी से है चौधरी साहब का मामला डन?
क्यों कहा कहने वाले ने कि आज तारीख है 5, आज हो सकती है
घोषणा? शायद आज के बाद नहीं पड़ेगा सोचने वालों को ज्यादा सोचना?
कहने वाले ने कहा अब कौन बनेगा अध्यक्ष? यह तो है तकदीर की बात
स्टोरी में बहुत बड़ा ट्वीट है जो आज पता चल सकता है साहब? काफी
हद तक है घोषणा की संभावनाएं, अगर नहीं भी हुई तो किसी का कोई
क्या उखाड़ लेगा साहब?
क्यों कहा कहने वाले ने कि मेयर के खास चेहरों ने लगा ली है अब एक
बहुत बड़ी आस? वह चाहते हैं घंटाघर रामलीला मैदान में हनुमान जी की
मूर्ति का कार्य अधर में रह गया था, उस कार्य को पूरा करने की है हमें
अब अपनी गाजियाबाद की मेयर से ही आस? हमें पूरी उम्मीद है वह
करेंगी इस मामले में कोई ना कोई प्रयास? रामलीला मैदान, हनुमान जी
की मूर्ति के बिना अधूरा लगता है? हमें उम्मीद है कि अगर मेयर साहब
ने ध्यान दिया तो रंग लायेंगे उनके प्रयास?
क्यों कहा कहने वाले ने कि नदिया पार के एक पार्षद ने चुनाव जीत का
रच दिया इतिहास? सुना है उन्होंने चुनाव में लिया था अपने पड़ोस के चाय
वाले से डीप फ्रीजर? ताकि चुनाव की गर्मी में वह बुझा सके अपने
समर्थकों की प्यास? चुनाव हो गया खत्म मिल गई उन्हें जीत? मगर
अभी तक उन्होंने नहीं लुटाया है डीप फ्रीजर? यह बात है आखिर कहां
तक ठीक? चाय वाला मेंबर साहब के डर से नहीं निकाल रहा है
आवाज? लेकिन मेंबर का भी तो यह फर्ज बनता है कि कम से कम गरीब
क्यों कहा कहने वाले ने कि जब यशपाल जी पड़ोस के मोहल्ले से दूसरे
वार्ड में चुनाव लड़ने आए तो लोगों ने कहा, हकीकत में आ गया है उनके
बीच में कोई पहलवान? दिया सबने इस चेहरे को दबाकर वोट? सोचा
कि अब निकलेगा हमारी समस्या का समाधान? जिसके ऊपर हो भगवा
पहलवान और रेसलर का हाथ? उस पहलवान की भला कौन नहीं सुनेगा
बात? सुना है चुनाव जीतने के बाद हालत है बहुत खराब? 50 लाइट
आज तक बंद है, जनता कह रही है, इन्हें चुनकर हमसे गलती हो
गई साहब?
क्यों कहा कहने वाले ने कि जब भी हम कांग्रेस वाले सुशांत भैया को
देखते हैं तो हमें अक्सर आ जाती है पूर्व सांसद स्वर्गीय सुरेंद्र गोयल जी
की याद? सच बता रहे हैं आजकल वह उतना ही एक्टिव हो गए हैं जितना
रहते थे गोयल साहब? हमें अब अधिकतर सामाजिक कार्यक्रमों में होते
हैं सुशांत भैया के दीदार? सच बता रहा हूं अगर उन्होंने अपनी यही शैली
कायम रखी तो एक न एक दिन जनता उन्हें जरूर करेंगी उनके पिता की
तरह जनप्रतिनिधि के रूप में उन्हें भी स्वीकार?