एसएसपी बनकर एसपी सिटी को किया मैसेज, तो एसपी प्रोटोकॉल के नाम पर सीओ से मांगे गिफ्ट वाउचर
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। साइबर ठगी करने वालों ने अब पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के नाम पर भी जालसाजी करने का धंधा शुरु कर दिया है। अभी जीडीए उपाध्यक्ष व जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की फर्जी व्हाट्सएप प्रोफाइल बनाने का मामला सुलझा भी नहीं था कि गुरुवार को गाजियाबाद के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी एसएसपी मुनिराज के फोटो लगाकर एक फर्जी प्रोफाइल क्रिएट की गई। जिससे एसपी सिटी प्रथम निपुण अग्रवाल को कुछ मैसेज किए गए। उन्होंने अधिक रिस्पांस नहीं दिया तो मैसेज बंद हो गया। उन्होंने इस मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी, तो सर्विलांस सेल और साइबर सेल मामले की जांच में जुट गई। अभी इन दोनों के मामले पर कुछ इनपुट नहीं मिला था कि दोपहर बाद एसपी प्रोटोकॉल सुभाष गंगवार के फोटो लगाकर सीओ सिहानी गेट आलोक दुबे और सीओ लोनी को मैसेज करके ठगी का प्रयास किया गया। इनसे अमेजॉन के गिफ्ट वाउचर के लिए पेमेंट करने को कहा गया। इन दोनों ही मामलों के बाद गाजियाबाद पुलिस एकाएक एक्टिव हुई लेकिन अभी कोई हल नहीं निकल पाया है।
पुलिस के लिए चुनौती हो सकता है ठगों का गैंग
पुलिस के अधिकारियों की फोटो लगाकर और उनके ही महकमे के अधिकारियों को मैसेज करने वाला यह शातिर कौन है इसके लिए पुलिस की कई टीमें जुट गई हैं। साथ ही साइबर सेल और सर्विलांस सेल की भी मदद ली जा रही है। शुरूआती जानकारी के अनुसार संदेश भेजने वाला ठग बेहद पढ़ा लिखा है वह अंग्रेजी भाषा में सभी संदेश भेज रहा है। साथ ही शातिर भी नजर आ रहा है। देखना होगा कि गाजियाबाद पुलिस इस आरोपी और गैंग को कितने घंटों में और कब तक ट्रेस कर पाती है।
एएसपी आकाश पटेल पर भी आया था मैसेज
एसएसपी मुनिराज के फोटो और ट्रूकॉलर पर उनका नाम सेव करके ठगी वाला यह मैसेज आईपीएस अधिकारी व एएसपी आकाश पटेल के पास भी आया था लेकिन उन्होंने नंबर की जांच की तो उसकी लोकेशन और आईडी कोलकाता बता रही थी। उन्होंने इस मामले से अन्य अधिकारियों को अवगत करा दिया था। सूत्र बता रहे हैं कि जिले में आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों को एसएसपी और एसपी प्रोटोकॉल की फोटो लगाकर ठगी वाला यह संदेश भेजा गया था।
एसएसपी ने गुरुवार को साइबर क्राइम होने पर क्या करें का तरीका किया था टवीट
एसएसपी मुनिराज ने अपने ट्विटर हैंडल से सूचना डाली थी कि अगर किसी के साथ साइबर क्राइम होता है तो वह चार काम क्या करें। तत्काल पुलिस को वेबसाइट पर सूचना करें या तुरंत 1930 पर कॉल करें या अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन जाए। इसके साथ ही यूपी कॉपएप पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। शुरूआत में जब उनका यह है संदेश आया तो लगा कि उन्होंने लोगों को जागरूक करने के लिए यह जानकारी दे दी लेकिन रात तक जैसे ही यह जानकारी मीडिया को लगी तो पूरे मामले की जानकारी मिल पाई और दिन में किए गए टवीट का लिंक पूरे घटनाक्रम से जोड़ा गया।