वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। पारदर्शी कार्यप्रणाली और एक निश्चित योजना के साथ जब अधिकारी काम करते हैं तो फिर उनकी इस प्लानिंग का उनकी कार्यप्रणाली का लाभ पूरे जिले को मिलता है। जिले का नाम रोशन होता है तो प्रदेश सरकार के खाते में उपलब्धि आती है। जिलाधिकारी आरके सिंह एक ऐसे ही अधिकारी हैं जिन्होंने अपनी कार्यप्रणाली से गाजियाबाद जिले का नाम रोशन किया है। डीएम आरके सिंह के नेतृत्व में जिले को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। आजादी से अंत्योदय तक अभियान का लाभ जन जन तक पहुंचाने में गाजियाबाद प्रथम रहा है। भारत सरकार की 17 योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने में जनपद गाजियाबाद ने टॉप 10 जिलों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय से एक पत्र जिलाधिकारी राकेश कुमार के पास पहुंचा है और इस पत्र में ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने सूचित किया है कि आजादी से अंत्योदय तक 90 दिन के अभियान में 75 जिलों में तथा 27 राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश में ये अभियान चलाया गया। अमृत महोत्सव के इस कार्यक्रम में गाजियाबाद उन 10 जिलों में प्रथम आया है जहां पर केन्द्र सरकार के 9 मंत्रालयों और विभागों की चुनी हुई 17 योजनाओं को लागू करते हुए उनका लाभ प्रत्येक लाभार्थियों तक पहुंचाने की कार्यवाही की जा रही थी। डीएम आरके सिंह के नेतृत्व में गाजियाबाद ने टॉप 10 जिलों में टॉप पोजिशन हासिल की है।
पारदर्शी कार्यप्रणाली और त्वरित समाधान के लिए जाने जाते हैं आरके सिंह
डीएम आरके सिंह उन अधिकारियों में हैं जिनकी पहचान अपने पद से ज्यादा अपनी कार्यप्रणाली को लेकर है। आरके सिंह जिलाधिकारी हैं और वो ऐसे जिलाधिकारी हैं जिनसे कोई भी फरियादी सीधे जाकर मिल सकता है। जब कार्यालय में बैठते हैं तो जनता से सीधे संवाद करते हैं। मौके पर समस्या का समाधान करते हैं। बड़ी बात ये है कि हर चीज को बहुत ही सिस्टमैटिक तरीके से करते हैं। तिरंगा यात्रा से लेकर योगा दिवस तक उनकी कार्यकुशलता देखने को मिली है। अब उनके हिस्से में ये बड़ी उपलब्धि आयी है। ये वो मौका है जब जिलाधिकारी की वर्किंग के चलते उत्तर प्रदेश की सरकार और गाजियाबाद जिले का नाम टॉप वाली लिस्ट में टॉप पर आया है।
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