उपलब्ध करा तो दिए झंडे लेकिन कहां से लाए डंडे
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। तिरंगा महोत्सव की भाजपाई तैयारी के सामने अब एक बड़ी दुश्वारी आ गई है। संगठन से लेकर जनप्रतिनिधयों के पास झंडे तो है लेकिन डंडों का टोटा पड़ गया है। अब डंडे कहां से आए और डंडे कौन उपलब्ध करायेगा ये एक बड़ा सवाल भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने खड़ा हो गया है। सांसद व केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह पहले ही मंडल अध्यक्षों को 31 हजार झंडे बांट चुके है। यहां भी झंडे तो मिले लेकिन डंडे नहीं मिले थे। विधायक भी अपने टारगेट के झंडे बांट चुके हैं और डंडों को लेकर वो भी खामोश है। अब सीन ये चल रहा है कि जनप्रतिनिधि संगठन वालों की ओर ये डंडा तकाजा फारवर्ड कर रहे हैं, विधायक मंडल अध्यक्षों की ओर देख रहे हैं और पार्षद विधायकों से कह रहे हैं। झंडों को लेकर रोज नए फंडे आ रहे है। समस्या अब ये है कि झंडे तो बंट चुके है और फहराने का सीन, लहराने का सीन तभी बनेगा जब डंडे उपलब्ध होंगे।
तिरंगे को लेकर भाजपा अध्यक्ष ने लिखा डीएम को पत्र
हर घर तिरंगा कैसे पहुंचेगा क्योंकि तिरंगे की कालाबाजारी हो गई है। तिरंगे के दाम बढ़ गए है और आलम ये है कि भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा को एक पत्र डीएम को लिखना पड़ा है। उन्होंने डीएम को लिखे पत्र में कहा है कि उनके संज्ञान में आया है कि कुछ जगह पर दुकान वाले हर दिन तिरंगे के दाम बढ़ाकर बेच रहे है। लगता है किसी ने झंडों को ब्लैक में बेचने के लिए इक्ट्ठा कर लिया है जो आए दिन दाम बढ़ाकर बेच रहे है। भाजपा महानगर अध्यक्ष ने डीएम को लिखे पत्र में निवेदन किया है कि इन दुकानों को चिह्नित कर कठोर कार्रवाई करें।