आपने किसी एक बुरी आदत को छोड़ने का संकल्प लिया था, लेकिन ऐसा कर नहीं पाए तो परेशान न हों, ऐसा सिर्फ आप ही के साथ नहीं हुआ। यह प्रक्रिया हजारों नहीं करोड़ों लोगों के साथ होती है। अच्छी आदत बनाने के लिए बस आपको खुद को तैयार करना होगा। दक्षिण आॅस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर एशली एलिजाबेथ स्मिथ, कैरल माहेर और सुसान हिलियर ने इसका शोध किया है। जिसमें उन्होंने आदतों की तुलना नदीतल से की है। जिसमें कहा गया है कि नदी का तल गहरा होता है। इसमें पानी एक निश्चित दिशा में लगातार बहता है। ठीक उसी तरह हमारी आदतें भी होती हैं। ये आदतें हमेशा एक जैसी ही रहती हैं। इनमें बदलाव करना मुश्किल भरा काम होता है। शोध से पता चला है कि हमारे दैनिक कार्यों का 40 प्रतिशत तक वह आदतें होती हैं जो हमारी स्वचालित दिनचर्या का हिस्सा होती हैं।
आदतों का मस्तिष्क पर प्रभाव
आदत निर्माण के शुरुआती चरणों के दौरान, आपके मस्तिष्क के निर्णय भाग (प्री-फ्रंटल कॉर्टिस) सक्रिय होते हैं। यह कार्रवाई जानबूझकर करनी होती है। जब एक नई दिनचर्या शुरू की जाती है तो ब्रेन सर्किट जिसे न्यूरल नेटवर्क भी कहा जाता है, सक्रिय हो जाते हैं। जितनी बार आप नई क्रिया को दोहराते हैं, ये तंत्रिका नेटवर्क उतने ही मजबूत और कुशल बनते हैं। न्यूरॉन्स के बीच संबंधों के इस पुनर्गठन और मजबूती को न्यूरोप्लास्टिसिटी कहा जाता है। आदतों के निर्माण के मामले में दीर्घकालिक पोटेंशिएशन होता है। हर बार जब आप आदत बनाने की कोशिश करते हुए नई क्रिया करते हैं तो आपको मस्तिष्क की कोशिकाओं के समान नेटवर्क को सक्रिय करने के लिए छोटे संकेतों या ट्रिगर्स की आवश्यकता होती है। जैसे-जैसे नयी आदतों के साथ हम जुड़ाव बनाते हैं और उससे कुछ अर्जित करते हैं, वैसे-वैसे आदतें समय के साथ मजबूत होती जाती हैं। उदाहरण के लिए जब हम सुबह उठने में आलस्य करते हैं तो उसी के हिसाब से हमारा शरीर बन जाता है। जब हम सुबह जल्द उठने की कोशिश करते हैं तो हमारा दिमाग उसी के अनुसार कार्य करने लग जाता है। जैसे-जैसे आदतें मजबूत होती हैं वैसे-वैसे मस्तिष्क के निर्णय भागों को किक करने की आवश्यकता नहीं रह जाती है। आदत स्मृति में सक्रिय होते ही स्वचालित हो जाती है।
आदत बनने में वास्तव में कितना समय लगता है ?
यूरोपियन जर्नल आॅफ सोशल साइकोलॉजी में प्रकाशित सेमिनल स्टडी में बताया गया है कि आदतें लगभग 66 दिनों के औसत के साथ 254 दिनों के बीच बनती हैं। अध्ययन में 96 लोगों को एक नई स्वास्थ्य आदत चुनने और 84 दिनों तक रोजाना इसका अभ्यास करने के लिए कहा गया था। इसमें से 39 यानी 41 प्रतिशत लोगों ने अध्ययन अवधि के अंत तक सफलतापूर्वक आदत बना ली। आदत बनाने में सफलता का स्तर और आदत बनाने में लगने वाला समय, लक्ष्य के प्रकार के आधार पर अलग-अलग प्रतीत होता है।
जल्द विकसित होने वाली आदतें
प्रतिदिन एक गिलास पानी पीना, फल खाना और व्यायाम करने से संबंधित आदतें लोगों ने जल्दी अपना ली। आसान शब्दों में समझे तो खान-पान की आदतें बेहद जल्द विकसित की जा सकती हैं। इनके विकास में महज 21 दिन ही लगते हैं। स्वास्थ्य से संबंधित आदतों को विकसित करने में लगभग 84 दिनों का समय लगा। गौरतलब है कि स्वास्थ्य संबंधी आदतों में सुबह जल्दी उठना, व्यायाम करना, जिम जाना शामिल हैं। वहीं अपने गुस्से को नियंत्रित करना, दूसरों से अच्छा व्यवहार करना जैसी सामाजिक आदतों को अपनाने में लोगों को काफी मशक्त करनी पड़ी। अन्य सामाजिक आदतें जैसे ईमानदारी, मृदुभाषण यानी मीठा बोलना और भ्रष्टाचार से जुड़ी आदतों को विकसित करने में 6 से 9 महीने का समय लगा। शोध में यह भी पाया गया कि दिन में बनाई गई आदतें बाद में बनाई गई आदतों की तुलना में अधिक तेजी से स्वचालित हुई। उदाहरण के लिए, दोपहर के भोजन के साथ फल का एक टुकड़ा खाना बनाम शाम को चलना, और नाश्ते के बाद चलना बनाम रात के खाने के बाद चलना)। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि यदि आप केवल 21 दिनों में कोई नई आदत डालने में सक्षम नहीं हैं, तो चिंता न करें – अभी भी आशा है। जिस विश्वास से आप किसी आदत को बदल सकते हैं वह भी महत्वपूर्ण है। अभ्यास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ परिवर्तन में विश्वास करना और इसकी क्षमता के बारे में जागरूक होना महत्वपूर्ण है।