(करंट क्राइम)।‘दिनांक 17/12/2002 को संगठन द्वारा प्रस्तावित पाकिस्तान विरोध के आंदोलन के बाद माननीय राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल जी के नेतृत्व में माननीय विधायक अतुल गर्ग, माननीय विधायक सुनील शर्मा, माननीय विधायक अजित पाल त्यागी, माननीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर एवं सम्मानित महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा जी मेरे कार्यालय आर.के.जी.आई.टी.एम. पर आए।
सभी के आने पर बातचीत चलती रही। माननीय राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने कहा की हम सब संजीव शर्मा जी के महापौर दावेदारी के समर्थन में आए है। मेरे द्वारा उन सभी से यह कहा गया कि अभी तो शीर्ष नेतृत्व को यह तय करना है कि किस जाति के आधार पर गाजियाबाद का महापौर प्रत्याशी चुना जाएगा। मैंने महसूस किया कि राज्यसभा सांसद धन्यवाद सुनियोजित तरीके से सभी को विधायकों एवं महानगर अध्यक्ष को लोकर आए थे और उनका उद्देश्य गाजियाबाद के सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वी. के. सिंह जी एवं उनके परिवार को टारगेट करना था। परंतु सभी का मेरे कार्यालय पर आना और अतिथि सत्कार की मयार्दा के कारण से उनकी इस बात का विरोध नहीं कर सका। उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनाव के संबंध में पार्षद हेतु कार्यकतार्ओं द्वारा आवेदन आने पर किसी भी जनप्रतिनिधि के परिवार के सदस्य या उनका सहयोगी व्यक्ति ना तो आवेदन के संबंध में बात करेगा और ना ही उसका आवेदन स्वीकार करेगा।
राजनीति में प्रत्येक जनप्रतिनिधि की उपलब्धता की अपनी परिस्थितियां होती है। यदि जनप्रतिनिधि सरकार में सत्र के दायित्य पर नहीं है तो यह अपनी विधानसभा के कार्यकर्ताओं के लिए सहज रूप से उपलब्ध हो पाता है। सांसद जनरल वी. के. सिंह सांसद होने के साथ-साथ केंद्रीय राज्यमंत्री भी है वर्तमान में लोकसभा चलने के कारण दिल्ली में प्रयास कर कायकर्ताओं से मिलते हैं। कभी-कभी उन्हें संगठन अथवा सरकार के कार्यों से बाहर भी जाना होता है। ऐसी परिस्थिति में यदि उनके परिवार के सदस्य अथवा उनके सहयोगी कार्यकर्ताओं से मिलकर आवेदन नहीं लेंगे तो न तो यह न्याय संगत है ना ही कार्यकर्ताओं के लिए अच्छा संदेश। इसी कारण पिछले दिनों सैकड़ों कार्यकतार्ओं ने उनके दिल्ली आवास पर जाकर ना केवल आवेदन किए बल्कि जनरल साहब से सीधी मुलाकात भी की।
राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल जी कहीं ना कहीं स्वयं को आगामी लोकसभा का दावेदार प्रस्तुत करते हैं। इसी कारण वह नहीं चाहते कि माननीय सांसद जनरल वी. के सिंह जी या उनका परिवार में रहे। इसी योजना के तहत षडयंत्र रच कर मुझे भी मुलाकात के माध्यम से अपने साथ मिलाने की असफल कोशिश की। क्योंकि मेरे संस्कार और अतिथि सत्कार प्रेमी होने के कारण मैं उनकी इस बात का विरोध नही कर सका।
साथ ही साथ उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि अभी तक विधायकों द्वारा की जा रही इस प्रकार की बैठक का संचालन माननीय सुनील शर्मा कर रहे थे लेकिन अब उन्हें सरकार द्वारा बड़ी जिम्मेदारी दी जाने के कारण वह इसे नहीं निभा पाएंगे। इसकेलिए उन्होंने मेरे नाम का प्रस्ताव रखा कि अब मैं ऐसी बैठकों का संचालन करूं। किंतु मैं अब से पहले ना तो इनकी इस प्रकार की किसी बैठक में शामिल हुआ और ना ही मुझे बुलाया गया। मैने अचानक इस प्रस्ताव को भी अलग दृष्टिकोण से समझा। इसलिए मैंने तत्काल प्रभाव से सभी को इस प्रस्ताव के लिए इंकार कर दिया।
मैं उस पत्र में लिखी भाषा एवं उद्देश्य से स्वंय को अलग करता हूँ तथा मैं माननीय सांसद जनरल वी.के. सिंह जी के विरुद्ध किए जा रहे किसी भी कार्य के समर्थन में ना ही हूँ। अपनी इस भावना को मैंने माननीय विधायक सुनील शर्मा जी एवं माननीय विधायक अजितपाल त्यागी जी को भी फोन के माध्यम से अवगत करा दिया है।’
दिनेश गोयल, सदस्य विधान परिषद
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। कलेक्ट्रेट के धरने के बाद राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल शहर विधायक अतुल गर्ग, साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा, लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर, मुरादनगर विधायक अजितपाल त्यागी और महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा भाजपा के ही एमएलसी दिनेश गोयल के कॉलेज आरकेजीआईटी पहुंचे। इस सभी का आरकेजीआईटी पहुंचना कोई विचित्र बात नहीं थी।
क्योंकि ये सभी भाजपा के जनप्रतिनिधि हैं और दिनेश गोयल भी भाजपा के जनप्रतिनिधि हैं। आरकेजीआईटी कॉलेज का नाम भाजपा के बड़े नेताओं से लेकर मंडल कार्यकर्ता को भी पता है। क्योंकि ये वो डेस्टीनेशन है जहां इलेक्शन छोटा हो या बड़ा हो उसकी मीटिंग होती है। अक्सर यहां बैठकें होती हैं। लेकिन विचित्र बात तब हुई जब शनिवार को हुई इस बैठक की बात करंट क्राइम के जरिये बाहर आयी और उसके बाद एमएलसी दिनेश गोयल का खंडन पत्र आया।
इस पत्र में उन्होंने राज्यसभा सांसद और पार्टी के विधायकों पर आरोप लगाये। और खास तौर से राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल को टारगेट पर ले लिया। एमएलसी दिनेश गोयल का पत्र आने के बाद भगवागढ़ में सियासी तूफान आ गया। दैनिक करंट क्राइम इस पूरे घटनाक्रम का साक्षी रहा है।
शनिवार को जब आरकेजीआईटी में बैठक हो रही थी तो करंट क्राइम यहां मौजूद था। यहां चल रही जितनी वार्ता देखी और सुनी वो सब करंट क्राइम ने प्रकाशित की। जो विश्लेशण था वो भी लिखा। उसके बाद एमएलसी दिनेश गोयल ने रविवार को लैटर जारी किया। हालाकि दैनिक करंट क्राइम ने इस पूरे घटनाक्रम में जहां से चीजें देखी और सुनी।
उन्हीं को अपनी विश्लेषण में प्रकाशित किया। लेकिन यदि पार्टी के एमएलसी दिनेश गोयल अपनी ही पार्टी के राज्यसभा सांसद और विधायकों को लेकर लिखित में बात कह रहे हैं और इसे प्रेस नोट के जरिये मीडिया तक पहुंचा रहे हैं तो फिर कुछ तो ऐसा घटा है जिसे लेकर एमएलसी की ओर से ये लैटर बम फटा है।
दैनिक करंट क्राइम ने इस पूरे मामले को लेकर उन सभी विधायकों और राज्यसभा सांसद तथा महानगर अध्यक्ष से बात की जो इस पूरे घटनाक्रम में मौजूद रहे हैं। सभी ने अपनी बात रखी और एक सुर में कहा कि मीटिंग में लोकसभा सांसद जनरल वीके सिहं को लेकर ना कोई बात हुई और ना ही किसी की मेयर दावेदारी का कोई प्रस्ताव किसी ने रखा।