क्या कमिश्नरेट सिस्टम में भी नहीं बदलेंगे गाजियाबाद के हालात
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। साहिबाबाद के न्यू करहैड़ा में 5 साल की रहने वाली बच्ची की अपहरण के बाद हत्या के मामले ने जिले में फिर एक सनसनी फैला दी है, तो वहीं लोगों के बीच इस बात की चर्चा शुरू कर दी है क्या कमिश्नरेट सिस्टम में भी क्राइम के हालात नहीं बदलेंगे। बच्ची की हत्या उसके आसपास की रहने वाले द्वारा की गई है। साथ ही उसे अपनी आइडेंटिटी डिस्क्लोज होने का डर है।
इसी वजह से बच्ची की रस्सी से गला दबाकर हत्या की गई और फिर उसके शव को जंगल में फेंक दिया। हालांकि पुलिस की आधा दर्जन से ज्यादा टीमें इस पूरे मामले के खुलासे के लिए जुटी हुई हैं, लेकिन सवाल उठ रहा है क्या मासूम बच्ची, महिलाओं और युवतियों के साथ इसी तरह से हत्याएं, बलात्कार, अपहरण, छेड़खानी और दहेज हत्या जैसी घटनाएं कम नहीं होगीं। बीते दिनों गाजियाबाद जिले को कमिश्नरेट सिस्टम में शामिल किया गया है और यहां पर पहले सीपी के रूप में अजय मिश्रा को भेजा गया है। अजय मिश्रा एक तेजतर्रार अधिकारी होने के साथ-साथ आईबी और लंबा अनुभव रखने वाले आईपीएस अधिकारी भी हैं। वर्तमान में वह गाजियाबाद कमिश्नरी में सीपी की पोस्ट पर हैं।
क्या अधिकारियों की लंबी चौड़ी टीम नहीं हुई थी एक्टिव!
बच्ची की गुमशुदगी लगभग 2 बजे हुई थी। इसके बाद परिजनों ने उसको खोजने का प्रयास किया, जब शाम तक वह नहीं मिली तो पुलिस को सूचना दी गई और शाम करीब 4 बजे के बाद से पुलिस एक्टिव हो गई थी। गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा ने ज्ञानेंद्र सिंह एडिशनल कमिश्नर और एसीपी स्वतंत्र सिंह को पुलिस बल के साथ सिटी फॉरेस्ट पार्क में कॉम्बिन के लिए लगाया था और घर के आस-पास भी पुलिस की कई टीमों ने जांच पड़ताल की थी। करीब दो घंटे से ज्यादा पुलिस की टीमों ने पसीना बहाया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया था। शुक्रवार की सुबह भी परिवार वाले खोज रहे थे और पुलिस की टीमें लगी हुई थी कि अचानक 11 बजे के आसपास बच्ची का शव उसके घर से कुछ ही मीटर की दूरी पर जंगल में मिलने से सनसनी फैल गई। सूचना मिलने पर अधिकरियों का दल पहुंचा और जांच की। बच्ची के गले पर रस्सी के निशान मिले हैं, जिससे नजर आ रहा है कि बच्ची की हत्या रस्सी से गला दबाकर की गई है। बता दें कि गाजियाबाद में लगातार अधिकारियों की पोस्टिंग के लेटर आ रहे हैं। गुरुवार को भी एसीपी स्तर के तीन अधिकारियों की नई तैनाती दी गई है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में एक डीआईजी स्तर से लेकर आईपीएस अधिकारियों की लिस्ट आनी है, जिसके बाद जिले में अधिकारियों की एक लंबी फौज होगी। सवाल उठ रहा है कि अधिकारियों की इतनी लंबी चौड़ी फौज होने के बावजूद भी क्या इसी तरीके से मासूम बच्चों की हत्या होती रहेगी। जैसे बीती 15 दिनों में जिले में की गई हैं।
जल्द बढ़ेगा पुलिस बल, दिखेगा सुधार : सीपी
(करंट क्राइम)। गाजियाबाद के पहले सीपी अजय मिश्रा ने कहा है कि गाजियाबाद में जल्द ही 1000 पुलिसकर्मियों की तैनाती होनी है। तो वहीं आईपीएस अधिकारियों से लेकर एसीपी स्तर के अधिकारियों की भी संख्या में इजाफा किया जा रहा है। गाजियाबाद मेट्रोपॉलिटन सिटी हो गया है, यहां जगह-जगह के लोग रहते हैं। जल्द ही पुलिस उनके सत्यापन का अभियान शुरू करेगी और अपराध नियंत्रण के लिए कमिश्नरेट सिस्टम को और मजबूत बनाते हुए क्राइम कंट्रोल किया जाएगा।
अपराध नियंत्रण रहेगा सीपी के लिए बड़ा टास्क
(करंट क्राइम)। गाजियाबाद के पहले सीपी अजय मिश्रा के लिए गाजियाबाद में बीते 15 दिनों में जिस तरीके से दो बच्चियों की हत्या हुई है, तो वहीं महिलाओं और युवतियों के साथ छेड़छाड़ उन्हें परेशान करने के मामलों में न्याय दिलवाना एक चुनौती भरा टास्क रहेगा। वहीं गाजियाबाद के बीते तीन सालों के महिला अपराध के आंकड़े पर नजर डालें तो यहां हत्या, दहेज हत्या, बलात्कार, शीलभंग, अपहरण, छेड़खानी और महिला उत्पीड़न जैसे मामलों का ग्राफ कम होने के बजाय बढ़ता चला जा रहा है।