श्रीकृष्ण का प्रशासनिक एवं राजनीतिक चरित्र अत्यन्त अलौकिक है, उनके
समग्र विचार दर्शन का संक्षेप में केवल एक संदेश है- कर्म। कर्म के माध्यम
से ही समाज की अनिष्टकारी प्रवृत्तियों का शमन करके उनके स्थान पर वरेण्य
प्रवृत्तियों को स्थापित करना संभव होता है।
आज देश भर में बेहद धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। उनके जन्म के शुभ अवसर पर ही जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के प्रत्येक मंदिर को बेहद ही खूबसूरत तरह से सजाया जाता है। लड्डू गोपाल का जन्म कराने के बाद उनकी पूजा-अर्चना सभी भक्त मध्य रात्रि से करने लगते हैं। आप भी कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मना रहे हैं, तो जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर अपने रिश्तेदारों, दोस्तों को भेजें ये बधाइयां और शुभकामना संदेश।
नन्द के घर आनंद भयो,
जय कन्हैया लाल की,
हाथी घोड़ा पालकी,
जय कन्हैया लाल की।
शुभ जन्माष्टमी।
हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत करते हैं और भगवान श्रीकृष्ण के बाल अवतार यानी की लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करते हैं।
बता दें कि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष और रोहिणी नक्षत्र की अष्टमी को भगवान विष्णु ने माता देवकी के गर्भ से कृष्ण के रूप में इस धरती पर अवतार लिया था। भगवान विष्णु ने पाप का नाश करने और धर्म की स्थापना के लिए कृष्ण रूप में जन्म लिया था। भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा के राजा कंस की जेल में हुआ था। जिसके बाद उनके पिता वासुदेव ने उन्हें गोकुल के राजा नंद को सौंप दिया था। बचपन से ही श्रीकृष्ण ने बाल लीलाएं दिखानी शुरू कर दी थीं।
धार्मिक शास्त्रों में जन्माष्टमी व्रत की महिमा का गुणगान किया गया है। मान्यता के अनुसार, जन्माष्टमी का व्रत एक हजार एकादशी व्रत के बराबर माना जाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को हर पाप से मुक्ति मिलती है। वहीं जन्माष्टमी के मौके पर भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इन मंत्रों के जाप से व्यक्ति को अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है। भगवान लड्डू गोपाल इन मंत्रों के जाप से व्यक्ति की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। आइए जानते हैं इन चमत्कारिक मंत्रों के बारे में…
श्री कृष्ण मंत्र
गोवल्लभाय स्वाहा
बता दें कि इस मंत्र का बहुत बड़ा महत्व होता है। यदि कोई व्यक्ति इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करता है। तो वह व्यक्ति अर्श से फर्श तक पहुंच सकता है। इस मंत्र का रोजाना जाप करने से संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
कृं कृष्णाय नमः
जो भी व्यक्ति जन्माष्टमी के मौके पर इस मंत्र का जाप करता है, उसे धन धान्य की प्राप्ति होती है। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है।
ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
यह मंत्र मन को शांति देने वाला है, इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के कष्ट और दूर होते हैं। ऐसे में जन्माष्टमी पर इस मंत्र का जप जरूर करना चाहिए।
ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
यदि किसी व्यक्ति का कोई कार्य लंबे समय से रुका हुआ है, तो उसे जन्माष्टमी के मौके पर इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
ओम् क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्ल्भाय स्वाहा
जन्माष्टमी के शुभ मौके पर इस मंत्र के जाप से विवाह में आ रही देरी खत्म होती है।
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