जो नही जीत पाये आजादी के बाद वो सीट भाजपा ने ली जीत
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। भाजपा ने रामपुर के उपचुनाव में केवल जीत हासिल नही की है बल्कि यहां उसने एक इतिहास रचा है। भाजपा ने इस उपचुनाव को जीतकर ये दिखाया है कि सियासत में अच्छी से अच्छी विरासत को भी बैक टू पवेलियन भेजा जा सकता है। यदि पार्टी की नीति से जनता प्रभावित है तो फिर समीकरण मायने नही रखते। रणनीति मायने रखती है और टीम का कप्तान इस उपलब्धि का हकदार होता है।
रामपुर में जो जीत हासिल की है वो वैसे तो पूरी भाजपा की जीत है लेकिन यहां पर फील्ड में उतरे कप्तान की रणनीति की तारीफ किये बिना ये बात अधूरी रहेगी। भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए भी ये सीखने की बात है कि किस तरह से आजम के किले को भाजपा ने किस तरह से ध्वस्त किया। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर सिंह को रामपुर उपचुनाव का प्रभारी बनाया गया था। बताया जाता है कि प्रदेश अध्यक्ष ने विशेष रूप से ब्रज बहादुर सिंह की डयूटी लगाई थी और जब नतीजा आया तो भाजपा के पास जीत वाली ब्यूटी थी और प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर सिंह प्रदेश अध्यक्ष के भरोसे पर खरे उतरे हैं। भाजपा ना केवल यहां चुनाव जीती है बल्कि उसने 70 साल में यहां एक रिकॉर्ड कायम करते हुए प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की है।
ग्राम प्रधानों को बनाया भाजपाई और जीत इस तरह आई
ब्रज बहादुर सिंह ने चुनाव प्रभारी के रूप में 16 नवम्बर को ही रामपुर में डेरा डाल दिया था। यहां उन्होंने एक सधी हुई रणनीति से पूरा गेम ही पलट दिया। सबसे पहले उन कार्यकर्ताओं को साथ लिया जो नाराज थे। इसके बाद यहां की जनता की मुख्य समस्याओं को चिन्हित किया और उनका समाधान कराया। मुस्लिम ग्राम प्रधानों को भाजपा ज्वाईन कराई और उन्हें ये बात समझाई कि जब हम विकास और कल्याण की किसी योजना में कोई भेद नही कर रहे तो आपलोग भी विरोध छोड़कर उसका साथ दें जो आपके बच्चों के भविष्य के लिए काम कर रहे हैं।
कुछ इस तरह की थी जीत के नायक ने टीम के साथ सर्जिकल स्ट्राईक
रामपुर की सियासी जमीन भाजपा के लिए नही मानी जाती है। यहां पर आबादी का गणित ऐसा है कि भाजपा के लिए यहां चुनाव जीतना ही टेढ़ी खीर है। लेकिन भाजपा के सूत्र बताते हैं कि यहां भाजपा ने पूरी प्लानिंग के साथ काम किया। जीत के नायक बने ब्रज बहादुर सिंह ने टीम के साथ एक थीम पर काम किया। यहां उन ईलाकों में पॉलिटिकल सर्जिकल स्ट्राईक हुई जो सपा और बसपा के गढ़ माने जाते हैं। यहां पर बामसेफ के नेताओं से बातचीत के बाद एक माहौल बनाया गया। मुस्लिम मौहल्लों में मीटिंगे की गयी और यहां पर भाजपा की टीम इस वर्ग को ये समझाने में कामयाब हो गयी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से आप के वर्ग का कल्याण हुआ है। ये बताया गया कि सबका साथ सबका विकास करने वाली भाजपा की जनकल्याणकारी योजना उज्जवला में पहला चूल्हा बलिया की मुस्लिम महिला को मिला है। कई योजनाओं का लाभ इस सरकार में सभी वर्गों को मिला है, सभी जातियों को मिला है। इस सर्जिकल स्ट्राईक का लाभ ये हुआ कि मतदान के दिन वहां की जनता ने ही आजम के खिलाफ हल्ला बोला।
गाजियाबाद से भी है स्पेशल नाता ब्रज बहादुर सिंह का
ब्रज बहादुर सिंह भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं और रामपुर उपचुनाव की एतिहासिक जीत के चेहरे के रूप में सामने आये हैं। हालाकि वो इस जीत का श्रेय भाजपा की जनकल्याणकारी योजनाओं और शीर्ष नेतृत्व को देते हैं। लेकिन यहां उनकी रणनीति पूरी तरह सफल हुई है और काश्मीर के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब 34 प्रतिशत की हिंदू आबादी में कोई हिंदू उम्मीदवार जीता है। यहां चमत्कार नहीं हुआ है बल्कि एक स्पेशल रणनीति पर काम हुआ है और ये मुकाम हासिल हुआ है। ब्रज बहादुर सिंह का गाजियाबाद से भी विशेष नाता है। वो यहां पर विभाग संगठन मंत्री रहे हैं। रामपुर की एतिहासिक जीत पर गाजियाबाद के भाजपाईयों में भी खुशी है। महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने भी इस शानदार जीत के लिए रामपुर उपचुनाव के प्रभारी रहे ब्रज बहादुर सिंह का बधाई दी है। प्रचंड बहुमत के साथ एतिहासिक जीत हासिल हुई है और जो सीट आजादी के बाद से नही जीती गयी थी वो सीट भाजपा ने जीती है।
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