करंट क्राइम की पहल पर इंद्रजीत टीटू आये सिख परिवार के साथ
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। दशमेश वाटिका के संघर्ष वाले इतिहास में यदि सरदार इंद्रजीत सिंह टीटू का नाम आता है तो यहां इस दास्तां में स्वर्गीय सरदार सुच्चा सिंह का भी नाम आता है। सुच्चा सिंह की शोक सभा में स्वयं सरदार इंद्रजीत सिंह टीटू ने कहा था कि वह सभी की सहमति से दशमेश वाटिका में स्वर्गीय सुच्चा सिंह की प्रतिमा लगवायेंगे। हाल ही में दशमेश वाटिका में जब कार्यक्रम हुआ और सिख सैन्य शौर्य से जुड़े कार्यक्रम में ब्रिटेन से सैन्य अधिकारी भाग लेने आये थे तब यहां 21 सारागढ़ी शहीदों की मूर्ति लगने की बात हुई थी। इस कार्यक्रम के बाद स्वर्गीय सरदार सुच्चा सिंह के सुपुत्र मनप्रीत सिंह मनी करंट क्राइम मुख्यालय आये थे और उन्होंने अपने मन के जज्बात करंट क्राइम को बताये थे। सुच्चा सिंह का परिवार चाहता है कि भले ही मूर्ति ना लगे, भले ही आर्थिक सहायता ना मिले लेकिन दशमेश वाटिका के संघर्ष का जब जिक्र हो तो यहां पत्थर पर उनके पिता स्वर्गीय सुच्चा सिंह का भी नाम मिले। दैनिक करंट क्राइम ने इस मुददे को उठाया था और दैनिक करंट क्राइम ने सवालों में ये मामला उठाया और रविवार को ही इंद्रजीत सिंह टीटू का जवाब आया। उन्होंने कहा कि हमने इस मुददे पर पूरा विचार बनाया है और हम दशमेश वाटिका में सरदार सुच्चा सिंह के नाम का पत्थर नही बल्कि उनकी मूर्ति लगायेंगे। यहां पर 21 मूर्तियां शहीदों की लगनी हैं और 22 वी मूर्ति सरदार सुच्चा सिंह की होगी।
सुच्चा सिंह के सुपुत्र ने किया करंट क्राइम का आभार
भावनाओं के लिए कई बार शब्द नही मिलते हैं और यही कुछ हुआ स्वर्गीय सुच्चा सिंह के सुपुत्र मनप्रीत सिंह मनी के साथ। मनप्रीत सिंह करंट क्राइम मुख्यालय पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपने पिता के प्रति जज्बात रखे थे और अपनी बात रखी थी। दैनिक करंट क्राइम इस परिवार के साथ आया। सिख समाज के समक्ष इस पूरे मामले को लाया। जब इंद्रजीत सिंह टीटू ने दशमेश वाटिका में स्वर्गीय सुच्चा सिंह की मूर्ति लगवाने की बात कही तो यहां सुच्चा सिंह के सुपुत्र ने करंट क्राइम का आभार जताया। उन्होनें कहा कि मेरे पास आपका शुक्रिया करने के लिए शब्द नही हैं। आपने शुरू से लेकर अब तक बहुत साथ दिया, मैं आपका आभारी रहूंगा।