अचानक हुआ स्वास्थ्य खराब और ले गये सभी से अंतिम विदाई
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। दुनिया में यूं तो सभी जाने के लिए ही आये हैं लेकिन किसी शख्स का जाना हमें झकझोर देता है। कुछ लोग अपने विशिष्ट कामों की वजह से समाज में अपना एक मुकाम हासिल करते हैं। एक नाम उनके नाम के साथ उनकी खूबी का होता है।
कालूराम हलवाई भी ऐसी ही शख्सियत में थे जो खामोशी के साथ अपना काम करते थे। उनका काम खाने के स्वाद में बोलता था। कालूराम हलवाई को स्वाद का जादूगर कहा जाता था। स्वाद के जादूगर ने अचानक ही ऐसी अंतिम विदाई ली कि किसी को यकीन ही नहीं हुआ।
55 वर्षीय कालूराम हलवाई की 4 सितम्बर की देर शाम अचानक तबीयत खराब हुई और परिजन उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे। लेकिन कालूराम हलवाई ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। उनका निधन हार्ट अटैक से हुआ। उनके निधन का समाचार जब लोगों ने सुना तो कई को यकीन ही नहीं हुआ। कालूराम हलवाई का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सादिकपुर में किया गया। दिवंगत कालूराम हलवाई अपने परिवार में धर्मपत्नि राकेश देवी, पुत्र अरूण कुमार, सोनू कुमार, दो पुत्रियां छोड़कर गये हैं। उनके निधन पर करंट क्राइम परिवार शोक व्यक्त करता है और ईश्वर से प्रार्थना करता है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा परिजनों को यह दु:ख सहने की शक्ति दें।
दैनिक करंट क्राइम के नवरात्र भंडारों में देते थे हर वर्ष सेवा
कालूराम हलवाई और करंट क्राइम परिवार की हर शुभ आयोजन में चढ़ने वाली कढ़ाही का एक गहरा रिश्ता था। दैनिक करंट क्राइम के सभी वार्षिकोत्सव में स्वाद की महफिल कालूराम हलवाई ही संभालते थे। कौन सी डिश किस तरह से व्यंजन बनकर आनी है ये वो ही जानते थे। दैनिक करंट क्राइम के प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले नवरात्र भंडारों में छोले चावल से लेकर राजमा चावल और दही के आलू उन्हीं की टीम तैयार करती थी। वो हमेशा से खुद को करंट क्राइम परिवार का एक सदस्य मानते थे। सेवा भाव और समर्पण के साथ हमेशा जिम्मेदारी से काम को संभालते थे।
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