तब संजीव शर्मा ने मार दिया बिजेंद्र यादव पर ज्वाईनिंग का पंच
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। राजनीति में कई बार पक्ष और विपक्ष वाले अगल बगल बैठते हैं लेकिन एक दूसरे के सामने होते हैं। ये मंच टीवी चैनल की डिबेट का होता है। यहां शब्दों से एक दूसरे पर प्रहार होता है। कोई सरकार के खिलाफ होता है तो कोई सरकार के साथ होता है। लेकिन जब एक शहर में राजनीति होती है तो फिर दल अलग अलग होकर भी ऐसे मौके आते हैं और ऐसा दस्तूर होता है कि पक्ष और विपक्ष वाले आमने सामने तो बैठते हैं लेकिन ये मौका सियासी शिष्टाचार का होता है , ये मौका आपसी व्यवहार का होता है। राजनीति का मंच अलग होता है लेकिन सामाजिक सौहार्द का मंच अलग होता है। मौका और दस्तूर कुछ ऐसा था कि शहर की सबसे पुरानी रामलीला के भूमिपूजन के बाद भोजन वाली मेज पर कांग्रेस और भाजपा वाले एक साथ थे। भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बिजेन्द्र यादव यहां आमने सामने थे। दोनों शहर के पुराने सियासत वाले हैं और दोनों का ही अपना ट्रैक रिकॉर्ड है। अब जब सियासत वाले आमने सामने बैठें या एक साथ बैठें टेबल भोजन की हो या पॉलिटिक्स के प्रयोजन की हो लेकिन बातें तो फिर सियासत को लेकर ही होंगी। यहां भी जब कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बिजेन्द्र यादव और भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा एक साथ थे तो भगवा जुबान से ज्वाईनिंग वाली पेशकश हाथ वाले यादव को मिली। हाथ वाले यादव भी चुनाव हार चुके हैं लेकिन वो कांग्रेस वाली पहचान से खुश हैं और उन्होंने भी भगवा पेशकश के जवाब में कह दिया कि आज तुम्हारा दौर है, कल हमारा दौर आयेगा। ये हाथ इतना कमजोर नही है कि फूल के दबाव में झुक जायेगा।
कमान्डर ने निभाया अपना कर्तव्य और कहा भाजपा में सुरक्षित है भविष्य
भगवा कमान्डर के नाम से मशहूर भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा पहले ही एलान कर चुके हैं कि जब चाहें तब कांग्रेस, बसपा और सपा को हाफ कर सकते हैं। वैसे भी महानगर अध्यक्ष इन दिनों कर्तव्य पथ पर हैं और इस पथ पर चलते हुए उन्होंने भाजपा के रथ पर कई समाजवादियों और बसपाईयों को सवार किया है। तो यहां भी भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने मौके का सद उपयोग करते हुए डायेक्ट ही कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बिजेन्द्र यादव को भाजपा में आने का आॅफर दे दिया। भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा का ज्वाईनिंग वाला बुल्डोजर चल रहा है। वो एक तरफ दूसरे दलों में तोड़-फोड़ मचाते हैं और फिर इन चेहरों को भाजपा से जोड़ देते हैं।
पूड़ी-सब्जी रायता लेकिन भाजपा में जाने से क्या फायदा
सुल्लामल वालों की लंच वाली मेज पर गरमागर्म पूड़ी थीं। केले के पत्तों पर चटपटी सब्जी थी, मिष्ठान था, रायता था और इन सबके बीच में हाथ छोड़कर फूल थामने का निमंत्रण भी था। संजीव शर्मा सरकार वाले दल के महानगर अध्यक्ष हैं तो उनका जलवा है। राज्यसभा सांसद, लोकसभा सांसद, मेयर, मंत्री, एमएलसी, महानगर अध्यक्ष के कार्यक्षेत्र में ही निवास करते हैं। संगठन के कुनबा एक्सटेंशन प्रोग्राम के तहत वो इलेक्शन से पहले हर तरह का एक्सटेंशन कर रहे हैं। लेकिन बिजेन्द्र यादव भी वो कांग्रेसी हैं जो कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य से होते हुए जिलाध्यक्ष पद पर पहुंचे हैं। विधानसभा का टिकट मिला और हार भी वो पूरे ढंग से गये। लेकिन उनके कांग्रेसी होने को कोई चुनौती नहीं दे सकता है। शब्दों के तीर ईधर से भी चले और उधर से भी चले। सार ये रहा कि सबने एक साथ बैठकर पूड़ी खा ली और पी लिया रायता लेकिन कांग्रेस वाले ये कहकर उठे कि भाजपा में आने से भी क्या फायदा। हो सकता है कि ये बात उन्होंने फूल वालों के पुराने घटनाक्रम को देखकर कही हो।
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