2 महीने में 6 की हो चुकी है जीवन लीला समाप्त
बेतरतीब ढंग से बने इस फ्लाईओवर से क्यों अंजान है पुलिय और प्रशासन
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। जिले के दो प्रमुख फ्लाईओवरों पर बीते दो महीने के दौरान छह लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें ठाकुरद्वारा फ्लाईओवर और नया बस अड्डा फ्लाईओवर शामिल है। यहां का संकरा मार्ग फ्लाईओवर हादसों को न्योता देता है। साथ ही ठाकुरद्वारा फ्लाईओवर पर दोनों ओर से आने वाले वाहन हादसों की मुख्य वजह बनते हैं। बीते दो महीनों के दौरान छह लोगों की फ्लाईओवर पर दुर्घटना में मौत हो चुकी है। जिसमें 30 जून को यह हादसा हुआ था, बाइक सवार दो युवकों ने सफाई कर रहे कर्मचारियों को टक्कर मार दी। हादसे में तीन लोग नीचे गिरे थे। इसमें तीनों की मौत हो गई थी।
इसके साथ ही 30 जुलाई को नए बस अड्डे फ्लाईओवर पर सीमेंट से भरा ट्रक उलटा दौड़ गया था। इस हादसे में भी दो लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हो गए थे। वहीं 10 अक्टूबर को कल्लूपुरा निवासी प्रियांशु और कालकागढ़ी निवासी तरुण की बाइक दूधेश्वरनाथ चौकी के ऊपर फ्लाईओवर पर बने डिवाइडर से टकराई और नीचे गिरने से एक की मौत हो गई थी। वहीं गुरुवार को मोटरसाइकिल सवार दो युवक फ्लाईओवर के करीब 20 फीट ऊंचाई से नीचे गिरे। दोनों की हालत गंभीर है।
उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शुरूआती जांच में निकल कर आया है कि तेज स्पीड बाइक सवार युवक स्टंटबाजी कर रहे थे। जिस दौरान यह हादसा हुआ है। हादसे की सूचना के बाद स्थानीय लोग और पुलिस मौके पर पहुंच गए थे, जिसके बाद दोनों घायल युवकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
नहीं लगाया था दोनों युवकों ने हेलमेट
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दोनों ने हेलमेट नहीं पहना हुआ था । कोतवाली अमित कुमार खारी ने बताया है कि हादसा जस्सीपुरा फ्लाईओवर पर सुबह करीब आठ बजे हुआ। दोनों की पहचान 19 वर्षीय शहजाद और 16 वर्षीय अजीम के रूप में हुई है। दोनों कैलाभट्टा के रहने वाले हैं। बिना हेलमेट पहने तेज स्पीड़ में बाइक चला रहे थे। फ्लाईओवर पर साइड वॉल से टकराने के बाद दोनों लड़के नीचे गिर गए। जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है। मौके पर पहुंची यूपी-112 ने राहगीरों से स्कूल के बच्चों की मदद से दोनों को अस्पताल में पहुंचाया और दोनों का उपचार चल रहा है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी की भी जांच कर रही है।
वन-वे होना चाहिए यातायात संचालन
जस्सीपुरा मोड़ पर बने इस फ्लाईओवर पर पहले भी कई बार जानलेवा हादसे हुए हैं। हादसों के बाद यातायात पुलिस सजग होती है और कुछ दिन ड्यूटी पर रहती है लेकिन वाहनों का दबाव यातायात पुलिसकर्मियों को ठीक प्रकार से ड्यूटी नहीं करने देता है। यहां लोग गलत दिशा में भी वाहन लेकर आते हैं और वाहनों को रॉन्ग साइड ले जाने के चक्कर में जाम की स्थिति बनती है। यातायात पुलिस को चाहिए कि यह वन-वे मार्ग किया जाए ताकि सड़क हादसों में कमी आ सके। बता दें कि इसके निर्माण के समय भी इसमें टेक्निकल दिक्कतों की आवाज उठाई गई थी ,लेकिन आसपास अधिक जगह ना होने की वजह से इसका निर्माण ठीक प्रकार से नहीं हो सका है। इसमें तीव्र मोड़ हैं, जो हमेशा हादसे की वजह बनते हैं। उधर इस मामले में एसपी यातायात रामानंद कुशवाह ने कहा है कि जहां पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
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