गाजियाबाद (करंट क्राइम)। ईश्वर न करें अगर किसी के भी परिवार में या आस पड़ोस में साँप के काटने से अगर किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो सबसे पहले मृतक व्यक्ति का पंचनामा और पोस्टमार्टम जरूर कराए जिनको इस कानून की जानकारी नही है उनको भी जागरूक करें क्योंकि कानूनी प्रक्रिया पूरी नही होने के कारण राज्य सरकार द्वारा मृतक के परिवार को दी जाने वाली सहायता राशि नही मिल पाती है। मानवाधिकार पक्षकार राजीव कुमार शर्मा का दावा है कि इस कानून के बारे में प्रदेश 98 % नेताओ और सामाजिक जागरूक नागरिकों को जानकारी ही नही है और सरकारी अधिकारी / कर्मचारी आपको सरकार द्वारा जनहित में जारी एसी कल्याणकारी योजनाओं / कानून के बारे में आपको बताएंगे नहीं। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश राज्य की योगी सरकार ने सर्पदंश यानी कि साँप के काटने से हुई मौत को प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में शामिल करते हुए मृतक व्यक्ति के आश्रितों/नजदीकी परिजनों को मुआवजे के तौर पर 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि का प्रावधान आपदा प्रबंधन विभाग के माध्य्म से किया हुआ है वो भी हादसे के 7 दिनों के अन्दर ही। इसीलिए जनहित को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण जानकारी आप लोगो से साझा कर रहा हंू। साँप के काटने से हुई मौत के मामले में अक्सर ग्राम समाज के लोग अथवा मृतक के परिजन-रिश्तेदार आदि ईश्वर की मर्जी मानते हुए इस तरह के मामलों में ना ही तो मृतक की डैड बॉडी का पोस्टमार्टम / पंचनामा आदी करवाते है और ना ही किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए राज्य सरकार से मुआवजे / आर्थिक मदद की मांग करते है । राज्य में निवास करने वाले सामाजिक जागरूक लोगो एवम कानून के जानकार लोगो जनप्रतिनिधियों को भी इस विषय मे ना के बराबर ही जानकारी है और सरकारी अधिकारी / कर्मचारी आम जनमानस को प्रदेश सरकार की इस तरह की जनकल्याणकारी नीतियों से जनता को अक्सर अवगत नहीं कराते है।
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