स्पीड, जल्दबाजी और लापरवाही बन रही है मौत की वजह
सड़क दुर्घटनाओं की संख्या
2020 में 708, 2021 में 824 और 2022 में जुलाई माह तक 478 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं।
घायलों की संख्या
2020 में जहां 469 अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए, तो वहीं 2021 में यह आंकड़ा 551 जा पहुंचा । वर्ष 2022 में जुलाई माह तक जिले के अलग-अलग थानाक्षेत्रों और एक्सप्रेसवे-वे और पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर 345 लोग सड़क हादसों में घायल हो चुके हैं।
गौरव शशि नारायण (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। विजय नगर थानाक्षेत्र अंतर्गत आने सिद्धार्थ विहार चौराहे स्थित डीपीएस के पास हुए दर्दनाक हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि दो लोग उपचाराधीन हैं। हालांकि इस मामले में पुलिस ने नशे में एंबुलेंस चला रहे आरोपी विनीत को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही उस पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है लेकिन सवाल यह उठता है कि जिले में स्पीड, जल्दबाजी और लापरवाही मौत की वजह आखिर कब तक बनती रहेगी। यातायात पुलिस के सड़क दुर्घटना के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो लगातार इसमें इजाफा हो रहा है।
जनवरी 2022 में जहां 51 सड़क हादसे हुए थे, तो वहीं जुलाई में यह आंकड़ा बढ़कर 478 जा पहुंचा है। वहीं मृतकों की संख्या की बात की जाए तो जनवरी माह में 22 लोगों की मौत हुई, जबकि जुलाई माह तक 203 लोग जिले में अलग-अलग हुई सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं घायलों की संख्या भी 345 है। वहीं गाजीपुर से डासना तक और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे-वे और ईस्टर्न पेरीफेरल-वे पर भी जनवरी तक 61 मौत हो चुकी हैं जबकि 109 सड़क हादसे हुए और 88 लोग इसमें गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो गाजियाबाद की सड़कें रोजाना खून से लाल हो रही हैं और अलग-अलग थानाक्षेत्रों में कई लोगों की जिंदगी सड़क पर मौत बन रही है। विजय नगर में हुए इस हादसे ने एक बार फिर जिले में रोड सेफ्टी और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर बहस शुरू हो गई है।
नशे में था एंबुलेंस का ड्राइवर
पुलिस ने बताया है कि जांच से साफ हुआ है कि एंबुलेंस ड्राइवर नशे में था। उसको गिरफ्तार कर लिया गया है। ड्राइवर से पूछताछ की गई है। हादसे के वक्त एंबुलेंस खाली थी। हादसा कैसे हुआ, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है। हालांकि फौरी तौर पर यह माना जा रहा है कि ड्राइवर के नशे में होने की वजह से ये हादसा हुआ है। इंस्पेक्टर योगेंद्र मलिक ने बताया है कि इस हादसे में एक बच्चा और युवक घायल हुए हैं। अस्पताल में उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बाद डॉक्टरों ने छुट्टी दे गई थी।
घंटों सड़क पर रहे क्षतिग्रस्त वाहन
एंबुलेंस हादसे के बाद मौके पर इकट्ठा हुए लोगों ने बताया कि ये एबुलेंस हाईवे पर अनियंत्रित ढंग से चल रही थी। स्पीड भी काफी तेज थी। रास्ते में कई लोग इससे टकराने से बाल-बाल बचे।
यह भी पता चला है कि इस हादसे से पहले एंबुलेंस ड्राइवर ने रास्ते में कई लोगों को टक्कर मारी थी। फिलहाल पुलिस ने क्षतिग्रस्त हुई तीनों बाइकों और एंबुलेंस को सड़क से हटवा
दिया है।
हर साल बढ़ रहा है मृतकों की संख्या का ग्राफ
यातायात पुलिस के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो बीते तीन सालों में लगातार सड़क हादसों में मृत्यु का आंकड़ा बढ़ रहा है। साल 2020 में जहां जिलेभर में 327 लोगों ने अलग-अलग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई तो यह आंकड़ा 2021 में बढ़कर 392 जा पहुंचा, जबकि दोनों ही वर्ष के दौरान लॉकडाउन और मिनी लॉकडाउन की स्थिति थी। इस दौरान प्रथम लॉकडाउन में यातायात संचालन लगभग ना के बराबर रहा था, तो बात अगर 2022 की करी जाए तो जुलाई के माह तक जिले में 203 लोग अपनी जिंदगी से सड़क हादसों के दौरान हाथ धो चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने जताया शोक
गाजियाबाद में 24 घंटे के भीतर दो बड़े सड़क हादसे रविवार देर रात हुआ। जिसमें तेज रफ्तार अनियंत्रित एंबुलेंस ने तीन बाइकों को कुचल दिया। इस हादसे में एक महिला और दो युवकों की मौत हो गई। एक बच्चा समेत दो लोग घायल हैं। वहीं एलिवेटेड रोड पर दो छात्रों की मौत हो गई थी। दोनों ही घटनाओं पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर शोक जताया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा शांति की कामना करते हुए परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। वहीं घायलों का पर्याप्त इलाज कराने और अधिकारियों को मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया था।
हेलमेट भी नहीं बचा सका जान
विजय नगर इलाके में तेज रफ्तार एंबुलेंस ने जोरदार टक्कर मारी तो दुपहिया वाहन सवार इसमें एक साथ पांच लोग घायल हो गए। इंस्पेक्टर विजय नगर योगेंद्र मलिक ने बताया मृतकों की पहचान मनमोहन निवासी गांव मवई, ऋषि पाल निवासी बिहारीपुरा और राजकुमारी निवासी बिसरख के रूप में हुई है। मनमोहन और ऋषि पाल एक बाइक पर थे जबकि दूसरी बाइक पर राजकुमारी अपने बच्चों और पति संग दूसरी बाइक पर जा रही थी। इस हादसे में दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं जिनको जिला अस्पताल में उपचार के बाद छोड़ दिया गया है। पुलिस ने बताया है कि घायलों और मृतकों ने हेलमेट नहीं लगाया हुआ था लेकिन पीछे से इतनी जोरदार टक्कर आकर लगी कि उनकी जान नहीं बच सकी।
शुरु किए गए हैं जागरुकता कार्यक्रम : एसपी यातायात
एसपी यातायात रामानंद कुशवाहा ने बताया है कि जिले के यातायात मैनेजमेंट को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही जागरुकता कार्यक्रम हो रहे हैं। जिसमें स्कूली बच्चों, एनजीओ और सरकारी कार्यालय के साथ कार्यक्रम किए जा रहे हैं। जिसके तहत यातायात नियमों का पालन कराने अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट और सीट बेल्ट का इस्तेमाल के साथ ही स्पीड लिमिट में वाहन चलाने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।
ट्रैफिक मैनेजमेंट में किया जाएगा सुधार: एसएसपी
एसएसपी मुनिराज ने कहा है कि उन्होंने जिले का चार्ज लेने के बाद जिले के प्रमुख चौराहों पर यातायात व्यवस्था में सुधार लाने के प्रयास किए हैं। कुछ लेफ्ट फ्री कराए गए हैं। इसके साथ ही प्रतिदिन अलग-अलग थानाक्षेत्रों में पैदल गश्त अभियान के दौरान वह खुद लोगों को सीट बेल्ट का इस्तेमाल करने और हेलमेट लगाने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कुछ लोगों को फ्री हेलमेट भी दिए। इस दौरान एसएसपी ने हेलमेट भेंट किए हैं ताकि लोग सजग हो और अपनी जान की परवाह करें वह यातायात नियमों का पालन करें।
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