गाजियाबाद (करंट क्राइम)। भाजपा का मेयर चुनाव का दावेदारी दंगल अंदर ही अंदर शुरू हो गया है। गंभीर उम्मीदवार तैयारी में जुटे है और संगठन भी समीकरणों के रिपोर्ट कार्ड पर इस बार उम्मीदवार तय करेगा। चुनावी ईयर है और तैयारी वाली गियर लग चुका है। मेयर चुनाव की दावेदारी में जिन नामों की जबरदस्त चर्चा है उनमें एक नाम वेद प्रकाश गर्ग खादी वाले का भी नाम माना जा रहा है। वेद प्रकाश गर्ग सामाजिक प्रतिष्ठा से लेकर राजनीतिक निष्ठा तक पूर्ण रूप से भाजपाई है। यदि मेयर दावेदारी की बात की जाए तो उनका प्रोफाइल यहां पूरी तरह से मैच करता है।
पीढ़ी दर पीढ़ी भाजपाई और गर्व से रखते है कार्यकर्ता वाला कार्ड
वेद प्रकाश गर्ग उन भाजपा नेताओं में है जिन्होंने हमेशा खुद को नेता से पहले भाजपा कार्यकर्ता के रूप में प्रस्तुत किया है। एक मिसाल इस मामले में कहे जा सकते है जब प्रदेश में और केंद्र में भाजपा सरकार नहीं थी, तब भी वो अपनी जेब में भाजपा कार्यकर्ता वाला विजिटिंग कार्ड रखते थे। आयोजन कुछ भी हो परिचय भाजपा कार्यकर्ता के रूप में देते थे। वो आज भी इस बात को कहते है कि मैं भाजपा का कार्यकर्ता हंू, मेरे लिए सबसे बड़े गौरव की बात यही है। उनके पिता लाला बुद्ध प्रकाश गर्ग भाजपा के उन नेताओं में रहे हैं जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जैसे बड़े नेताओं के सानिध्य में काम करने का अवसर मिला है। पूरा परिवार भाजपाई है और सबसे बड़ी बात यह है कि राजनीतिक आंदोलनों का एक इतिहास रहा है। सामाजिक सरोकारों से जुड़ा परिवार है।
विनम्रता और सौम्यता का व्यवहार नहीं होती किसी से तकरार
वेद प्रकाश गर्ग खादी वाले अपनी एक विशिष्ट पहचान समाज में रखते है। ये व्यक्ति का व्यक्तित्व है कि गली का नाम ही अब खादी वाली गली के नाम से जाना जाता है। विनम्रता और सौम्यता का व्यवहार उन्हें सबसे अलग बनाता है। भाजपा के हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी होती है। कार्यकर्ता का भाव सर्वोपरि रखते है। सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार हो या ना हो उनका व्यवहार इतना मधुर है कि उनकी किसी से तकरार नहीं होती।
समीकरण से लेकर फेस तक रखते है दावेदारी में मजबूत बेस
बात अगर मेयर दावेदारी की जाए तो वेद प्रकाश गर्ग एक मजबूत चेहरा हो सकते है। मेयर समीकरण के हर फ्रेम में वो फिट बैठते है। बाई बर्थ भाजपाई है और चुनाव से लेकर भाजपा के आंदोलन तक हमेशा कार्यकर्ता के रूप में अपनी भूमिका निभाई है। वैश्य समाज से आते है और समीकरण उनके पक्ष में बैठते है। एक ऐसा चेहरा है जो गैर विवादित है और एक ऐसा फेस है जो मेयर वाली दावेदारी में मजबूत बेस रखते है। यदि सीट जनरल होती है और भाजपा इस चेहरे पर दांव खेलती है तो ये चेहरा जीत वाले रिकॉर्ड की भूमिका लिख सकता है।