दिनभर किया आॅटो चालकों ने हंगामा, अधिकारियों के उड़े रहे होश
साहिबाबाद (करंट क्राइम)। इंदिरापुरम थानाक्षेत्र के कनावनी में दुर्घटना के बाद पुलिस चौकी ले जाए गए आॅटो चालक की मौत हो गई। आटो चालक की मौत को पुलिस की पिटाई होने के आरोप लगाए गए। जिसको लेकर सोमवार को इंदिरापुरम थानाक्षेत्र में करीब 8 घंटे तक जोरदार हंगामा चलता रहा। पुलिस को शव पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाने दे रहे थे। पुलिस उन्हें समझाने की कोशिश की। इस दौरान कई बार सड़क जाम व नारेबाजी भी की गई। उधर इस मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने टवीट्कर यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार से मृतक को एक करोड़ रुपये का मुआवजा व पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग कर डाली है। पूरे मामले में डीसीपी ट्रांस हिंडन दीक्षा शर्मा ने कहा है पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी। साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पूरे प्रकरण की रिपोर्ट बनाई जाएगी।
आॅटो चालक को अस्पताल
में पीटने का आरोप
मृतक धर्मपाल यादव मूलरूप से जिला कासगंज में अमापुर थानाक्षेत्र के गांव नंगला बांस का रहने वाला था। वह परिवार के साथ इंदिरापुरम थानाक्षेत्र के कनावनी गांव में रहता था। वह वैशाली मेट्रो स्टेशन से रेलव विहार के बीच आॅटो चलाता था। चचेरे भाई मुरारी ने बताया कि रविवार रात करीब 10 बजे आॅटो से घर लौट रहा था। कनावनी पुस्ता रोड पर आॅटो की एक साइकिल से टक्कर हो गई।
साइकिल सवार युवक घायल हो गया। धर्मपाल ने खुद डायल-112 को फोन करके पुलिस बुलाया था। आरोप है कि पुलिस सूचना देने वाले व्यक्ति धर्मपाल यादव को ही उठाकर कनावनी चौकी पर ले आई। धर्मपाल यादव ने पुलिस से कहा कि वह घायल का इलाज करवा देगा। इसके बाद पुलिस उसको शांति गोपाल हॉस्पिटल में ले गई। जहां पर साइकिल सवार घायल व्यक्ति भर्ती था। आरोप है कि इमरजेंसी में ही पुलिस ने धर्मपाल को खूब पीटा। ये घटना सीसीसीटी में रिकॉर्ड बताई जा रही है। उन्होंने ने बताया कि हॉस्पिटल से पुलिस उसको फिर चौकी पर ले गई और वहां खूब पिटाई की गई।
रात डेढ़ बजे पुलिस ने की कॉल
परिजनों का आरोप है कि रात में डेढ़ बजे कुछ पुलिसकर्मियों ने धर्मपाल के चचेरे भाई मुरारी यादव को फोन करके उसे ले जाने के लिए कहा। मुरारी का कहना है कि जब वो चौकी पर पहुंचा तो धर्मपाल यादव बेहोश पड़ा था। इसलिए वह उसको घर की बजाय शांति गोपाल हॉस्पिटल ले गए। यहां रात करीब दो बजे धर्मपाल की मौत हो गई।
चचेरे भाई को बताई थी पुलिस वालों के पीटने की बात
मृतक के चचेरे भाई मुरारी यादव ने बताया कि एक दरोगा ने फोन किया तो मैं पहुंचा। वहां दरोगा और 5-6 पुलिसकर्मी थे। मैंने कहा घायल के इलाज का पैसा हम देते हैं, भाई को छोड़ दीजिए। जिसके बाद उन्होंने भाई को नहीं छोड़ा और चौकी लेकर चले गए। रात में एक बजे दरोगा ने दोबारा फोन किया भाई को ले जाओ। दोबारा हम चौकी पर पहुंचे तो पुलिस वालों ने 3510 रुपए जमा करवाने के बाद छोड़ा। मैंने जब भाई से पूछा तो उसके सीने में दर्द हो रहा था। वह बता रहा था कि पुलिसवालों ने उसको खूब पीटा है। उसके सीने में चोट लग रही थी। उसके सीने में चोट लग रही थी। उसके बाद उसकी मौत हो गई ।
सुबह से शाम तक चला हंगामा
घटना के बाद सोमवार सुबह मृतक के परिजन और इलाके के कई आॅटो चालक इकट्ठा हो गए। उन्होंने शांति गोपाल हॉस्पिटल के बाहर हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों की मांग है कि धर्मपाल को पीटने वाले पुलिसकर्मियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद रहे और परिजनों को समझा-बुझाने में जुटे रहे। परिजन पोस्टमार्टम के लिए धर्मपाल के शव को नहीं भेज रहे थे। मौके पर भी पुलिस अधिकारी परिजनों को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया जाए। मौके पर सभी आॅटो चालक इकट्ठे हो गए मोहन नगर व नोएडा से आने वाले आॅटो को रोककर सवारी उतारी और सभी लोग हंगामे में शामिल हो गए। कई बार सीआईएसफ रोड जाम किया, और कई बार पुलिस ने रोड खुलवाई।
पूरे प्रकरण की होगी जांच : डीपीसी
डीसीपी ट्रांस हिंडन दीक्षा शर्मा ने बताया कि इंदिरापुरम में रविवार रात करीब 10:30 बजे पीआरवी को सूचना प्राप्त हुई कि एक आॅटो चालक व साइकिल चालक के बीच दुर्घटना हो गई है। पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर दोनों को नजदीक के शांति गोपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। साइकिल चालक को चोटें थी। उन्होंने अपना उपचार किसी सरकारी अस्पताल से कराने की इच्छा जाहिर की इसलिए उन्हें उसके स्वजन के सुपुर्द कर दिया गया। आॅटो चालक को मेडिकल में कोई चोट न होने व सामान्य स्थिति होने के कारण परिजनों के सौप दिया गया। सोमवार सुबह आटो चालक के परिजनों उसे शांति गोपाल अस्पताल ले गए। डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव का पैनल के माध्यम से पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। उसके बाद प्रकरण में जांच कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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