पहले लड़ाते थे सब एक-दूसरे को चुनाव अब कोई यहां तो कोई वहां
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। हाल ही में भगवा गढ़ में कई घटनाक्रम घटित हुए और इसके बाद पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी ने अपने सोशल मीडिया पर मुद्दे को उठाया। पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी अक्सर कई बार पुरानी घटनाओं को लेकर नए ढंग से उससे सभी को अवगत कराते है। वो घटनाओं के माध्यम से बहुत कुछ अपने लेख के माध्यम से कह जाते हैं।
बालेश्वर त्यागी ने लिखा था कि वह विधायक थे और सरकार में मंत्री थे। रमेश चंद तोमर लोकसभा सांसद थे और हम दोनों एक ही पार्टी से थे लेकिन कई बार कई मुद्दों को लेकर आपसी मतभेद रहते थे। लेकिन इन सबके बावजूद जब चुनाव आता था तो हम उनके चुनाव को अपना चुनाव मानकर लड़ाते थे।
अब बालेश्वर त्यागी ने सोशल मीडिया पर जो शब्द लिखें उन शब्दों की चर्चा एक ऐसे मोड पर हो गई जब दो पूर्व जनप्रतिनिधि एक ब्राह्मण नेता के आवास पर बैठे थे।
एक ब्राह्मण भाजपा नेता के आवास पर शब्दों की चर्चा हुई और चिंतन-मनन शुरू हुआ। पुराने दौर की बातें बताई गई और बताया गया कि तब सांसद और विधायक एक-दूसरे के चुनाव में जाते थे। सांसद के चुनाव में विधायक जुटते थे और विधायक के चुनाव में सांसद आते थे।
फिर आज के हालात पर चर्चा हुई और भंडारे से लेकर चाय की बातें उठी। बताया भी गया कि ये अच्छी राजनीतिक संस्कृति नहीं है कि हमारे चुनाव में वो नहीं आएं और उनके चुनाव में हम नहीं जाएंगे।
ये एक संदेश था कि एक ही सरकार में छोटी-मोटी तकरार ठीक है लेकिन मोर्चा खोलने वाली रार नहीं होनी चाहिए। दोनों पूर्व जनप्रतिनिधियों ने और ब्राह्मण नेता ने इस बात पर जोर दिया कि जब पार्टी एक है तो फिर विवाद नहीं बल्कि संवाद कायम होना चाहिए।
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