10 बजे बुला लिया सबको और संगठन वाले साढ़े ग्यारह बजे आए
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद प्रधान के साथ 31 दिसंबर को मारपीट का मामला हो गया था। इस मामले में विनोद प्रधान के गंभीर चोट आई थी और यह आरोप था कि पुलिस ने बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज न करके उन्हीं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। मामला बसपा संगठन तक पहुंचा और उसके बाद बसपा के व्हाटसएप ग्रुप पर ऐलान हुआ कि मंगलवार को सभी कार्यकर्ता सुबह दस बजे बसपा कार्यालय पहुंचे और यहां से सभी पुलिस कमिश्नर के यहां चलकर ज्ञापन देंगे।
दैनिक करंट क्राइम ने इस पूरे अपडेट को देखा और कार्यक्रम को लेट होते देखा। सुबह 10 बजे का समय दिया गया था और 10:26 तक न कोई कार्यकर्ता बसपा कार्यालय पहुंचा था और न ही कार्यालय का ताला खुला था। इसके बाद वहां सफाई कर्मचारी आया और उसने ताला खोला और कार्यालय की सफाई की। घड़ी में 10:45 यानी पौने ग्यारह बज गए लेकिन अध्यक्ष नहीं आएं। इसी बीच 3 कार्यकर्ता आए और उन्होंने कहा कि 10 बजे का टाइम था। वो इंतजार करते रहे और साढ़े ग्यारह बजे बसपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र जाटव एडवोकेट पहुंचे। फिर पूर्व जिलाध्यक्ष रामप्रसाद प्रधान आए और फिर धीरे-धीरे 38 बसपाई एकत्र हुए। बैठक शुरू हुई और यह तय हुआ कि पांच लोग यहां से चलेंगे और पुलिस कमिश्नर के कार्यालय में बसपा की ओर से पूर्व जिलाध्यक्ष का पक्ष रखा जाएगा।
जब पूर्व प्रधान की पत्नी की ओर से लिखी तहरीर दी गई पुलिस कमिश्नर को
(करंट क्राइम)। आने में देर भले हुई लेकिन बसपा के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र जाटव एडवोकेट, रामप्रसाद प्रधान, ओमकार पहलवान सहित कई नेता पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। यहां पर विनोद प्रधान की पत्नी पूर्व जिला पंचायत सदस्य रजनी जाटव द्वारा लिखी गई तहरीर सौंपी गई। जिसमें उन्होंने शिवकुमार, उज्जवल, आशीष व 15 अज्ञात लोगों पर हमला करने का आरोप लगाया है। इस तहरीर में एक जिम संचालक महिला पर भी आरोप लगाए गए है। मामले में श्मशान की दीवार, दो फीट जमीन और शौचालय का गड्ढा भी बताया गया है। बसपा नेताओं ने यह तहरीर पुलिस आयुक्त को सौंपी। पुलिस आयुक्त ने जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए।
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