हॉट और हाइटेक सिटी में क्यों पीछे हैं डीसीपी और एसीपी
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। गाजियाबाद कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद लगभग 16 दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक जिले के अधिकारियों से लेकर खुद पुलिस कमिश्नर वाला ट्विटर हैंडल एक्टिव होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। वहीं जिले में डीसीपी स्तर से लेकर एसीपी स्तर के अधिकारी अभी भी सोशल मीडिया के इस महत्वपूर्ण प्लेटफार्म से दूर हैं, जबकि नोएडा और लखनऊ कमिश्नरेट में अधिकारियों के अलग-अलग ट्विटर हैंडल होने के साथ ही व्यक्तिगत और कमिश्नरेट वाले ट्विटर हैंडल नजर आते हैं।
सोशल मीडिया से अधिकारी दूर क्यों है या उन्होंने यह अकाउंट क्यों नहीं बनाए हैं अभी इस बात का जवाब किसी के पास नहीं है। इस मामले में जब सीपी गाजियाबाद अजय मिश्रा के पीआरओ अल्ताफ अंसारी से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में अधिकारियों के जल्द ही ट्विटर हैंडल एक्टिव मोड में नजर आएंगे। कुछ अकाउंट पर काम चल रहा है और वह जल्द ही शुरू किए जाएंगे। —— सोशल मीडिया पर भी धीमी पड़ गई है पुलिस रफ्तार!
(करंट क्राइम)। कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस के हाईटेक और हाई स्पीड होने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन बीते 16 दिनों का आंकलन बता रहा है कि अभी स्पीड पकड़ने में समय लगेगा। अभी जिले के वरिष्ठ अधिकारी कमिश्नरेट सिस्टम में आने वाले अधिकारियों के कार्यालय से लेकर उनकी कोर्ट प्रक्रिया शुरू कराने में जुटे हुए हैं। डीपीसी स्तर के अधिकारियों को पीआरओ मिलने के बाद भी फोन नहीं उठाने का रवैया बना हुआ है। वहीं सोशल मीडिया पर जिस प्रकार से गाजियाबाद पुलिस अपनी सूचनाओं का आदान प्रदान करती थी उसकी रफ्तार भी धीमी पड़ गई है।
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