सबसे ऊंचे आरआरटीएस स्टेशन पर होंगे पांच निकास द्वार
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। भगवागढ़ कहे जाने वाले गाजियाबाद में विकास की एक बयार बह रही है। शहर का पूरा नक्शा बदल रहा है और गाजियाबाद देश के नक्शे पर अपनी सुविधाओं को लेकर एक अलग पहचान लिये जिले के रूप में पहचान बनाने जा रहा है। गाजियाबाद का पुराना रेलवे स्टेशन अब कुछ समय बाद म्यूजियम का रूप ले लेगा और यहां देश का मॉडल रेलवे स्टेशन बनेगा। गाजियाबाद रेलवे स्टेशन देश के चुनिंदा रेलवे स्टेशनों में होगा। मेट्रो कनेक्टिविटि पहले ही शहर से लेकर यूपी बॉर्डर तक पहुंच चुकी है। और अब जब रैपिड रेल गाजियाबाद जिले से शुरू होगी और सबसे ऊंचे स्टेशन से गुजरेगी तो गाजियाबाद का नाम भी एक ऊंचे पायदान पर होगा। गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन पर अब पांच प्रवेश और निकास द्वार होंगे। प्रायोरिटी कॉरिडोर के सबसे बड़े आरआरटीएस स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए पांच प्रवेश निकास द्वार बनाये जायेंगे। गाजियाबाद क्षेत्र में रहने वाले लाखों लोग रोजाना अपने काम काज और दैनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए मेरठ रोड तिराहे से गुजरते हैं। यह वो प्वार्इंट है जहां एक तरफ मेट्रो स्टेशन है वहीं पास में ही नया गाजियाबाद बस अड्डा है और अब यहां रैपिड रेल स्टेशन भी तैयार हो चुका है।
गाजियाबाद के लाखों लोगों के लिए सुविधा प्वार्इंट बनेगा ये स्टेशन
गाजियाबाद मेट्रो स्टेशन के पास ही महामाया स्पोर्टस स्टेडियम है जहां दूर दूर से लोग विभिन्न खेल गतिविधियों के लिए पहुंचते हैं। स्टेशन से कुछ कदमों के दायरे में सांई उपवन हरित वाटिका है जो लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। यहां मेट्रो स्टेशन, नया बसअड्डा होने की वजह से यात्रियों की आवाजाही अधिक रहती है। इस लोकेशन के कारण ये माना जा रहा है कि दिल्ली गाजियाबाद मेरठ आरटीएस कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के सबसे व्यस्ततम स्टेशनों में से एक होगा।
इस क्षेत्र में लोगों की भीड़ का दबाव भी अधिक है और इसी वजह से इस स्टेशन पर यात्रियों का बड़ी संख्या में पहुँचना भी अपेक्षित है। लिहाजा हर वर्ग के यात्रियों चाहे वो किशोर हों, युवा हों या फिर बुजुर्ग हों, सभी को स्टेशन तक परेशानी मुक्त और सुरक्षित पहुंच प्रदान करने के लिए इस स्टेशन के तीनों ओर विशेष रूप से तीन प्रवेश निकास द्वार बनाने का निर्णय लिया गया है। ये प्रवेश निकास द्वार स्टेशन को तीनों ओर से घेरने वाली तीन सड़कों के दूसरी ओर बनाए जा रहे हैं, ताकि यात्रियों को स्टेशन तक पहुंचने के लिए किसी भी प्रकार के विलंब का सामना न करना पड़े। इन सड़कों पर यातायात दबाव भी अधिक रहता है और ऐसी स्थिति में स्टेशन के प्रवेश निकास द्वार यात्रियों के लिए और भी कारगर सिद्ध होंगे। चूंकि यात्री इन प्रवेश निकास द्वारों का प्रयोग सड़क पार करने के लिए भी नि:शुल्क कर सकेंगे। इन तीनों प्रवेश-निकास द्वारों को फुटओवर ब्रिज के जरिये स्टेशन से जोड़ा जाएगा, ताकि यात्री सुरक्षित तरीके से आरआरटीएस स्टेशन तक पहुंच सकें। इन फुटओवर ब्रिज में लिफ्ट और एक्सेलेटर का प्रावधान भी किया जाएगा. इन सभी प्रवेश-निकास द्वारों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
इस स्टेशन के प्रवेश/निकास द्वारों में रैम्प और टेक्टाइल पाथ जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी, ताकि दिव्यांग और दृष्टिबाधित यात्रियों के लिए भी निर्बाध एवं सुगम यात्रा सुनिश्चित की जा सके।