वर्तमान सदन के कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद अब निगम में होगी सीधी सुनवाई
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। नगर निगम के वर्तमान सदन का कार्यकाल 23 जनवरी को पूरा होने जा रहा है और अब सदन कार्यकाल पूरा होने के बाद जनता से जुड़ी हुई समस्याएं स्थानीय पार्षद के बजाये सीधे अधिकारियों से की जायेगी और अब निगम के अधिकारी ही जनता की समस्याओं के निवारण के लिए तत्पर रहेंगे।
23 जनवरी के बाद से निगम में व्यवस्था परिवर्तित होने जा रही है और करंट क्राइम ने व्यवस्था परिवर्तन को देखते हुए निगम की व्यवस्था को आम जन के बीच लाने का प्रयास किया है। जनता किस तरह से अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए निगम के किस पटल पर अपनी समस्याएं अधिकारियों के समक्ष उठा सकती है और समस्याओं का निस्तारण कर सकती है।
निगम के उच्चाधिकारियों से जनता कर सकती है सीधी संवाद
23 जनवरी के बाद से वर्तमान सदन का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है और अब जनता और निगम अधिकारियों के बीच की कड़ी पार्षद व्यवस्था समाप्त हो गई है। हालांकि कार्यकाल पूरा होने से पहले भी जनता अधिकारियों से सीधा संवाद कर सकती थी लेकिन अब पार्षद व्यवस्था समाप्त होने के बाद जनता अधिकारियों को सीधे तौर पर अपनी समस्याएं बता सकेगी। नगर निगम के उच्चाधिकारियों में सबसे पहले नगरायुक्त नितिन गौड़, उनके अधीनस्थ अधिकारी के रूप में अपर नगरायुक्त शिवपूजन यादव, अपर नगरायुक्त अरूण यादव, लेखाधिकारी राजेश कुमार गौतम, चीफ इंजीनियर एनके चौधरी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाक्टर मिथलेश कुमार, जलकल विभाग के महाप्रबंधक आनन्द त्रिपाठी व एक्सईएन योगेंद्र यादव, निर्माण विभाग जैदी व देशराज सिंह , मूख्य कर निर्धारण अधिकारी संजीव सिन्हा, उद्यान प्रभारी अनुज सिंह, आदि प्रमुख हैं। यहां जनता अपनी समस्याओं का निदान करा सकती है।
प्रवर्तन प्रभारी से करें अतिक्रमण या फिर अवैध कब्जे की शिकायत
नगर निगम में प्रवर्तन विभाग भी गठित हैं और यहां पर आमजन अवैध कब्जे से लेकर अतिक्रमण की शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। निगम के प्रवर्तन प्रभारी दीपक शरण के पास या फिर निगम के उच्चाधिकारियों के समक्ष शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं। दर्ज शिकायतों पर प्रवर्तन विभाग कार्रवाई करेगा और अतिक्रमण से लेकर अवैध कब्जे की जमीनों को कब्जा मुक्त करायेगा।