पार्टी नेताओं से लेकर प्रशासन के अफसरों ने क्यों नहीं किया उन्हें रोकने का प्रयास
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। यूनानी मैडिकल मैडिसिन कॉलेज के उद्घाटन कार्यक्रम में जो कुछ हुआ वो चर्चा में है। यहां राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल नाराज होकर चले गये। सवाल ये उठा कि इस कार्यक्रम में लोकसभा सांसद व केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह भी थे। मंच पर पूर्व राज्यमंत्री शहर विधायक अतुल गर्ग भी थे। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह भी थे और अन्य लोग भी थे। एक बड़ी सौगात गाजियाबाद को मिल रही थी और जाहिर है कि राज्यसभा सांसद हैं तो अनिल अग्रवाल आमंत्रित होंगे तभी वो पहुंचे भी। लेकिन अचानक उनकी नजर इस बात पर पड़ी कि सभी की नेमप्लेट मंच पर रखी टेबल पर हैं और टेबल के सामने कुर्सी है। लेकिन अनिल अग्रवाल के नाम की ना नेम प्लेट थी और ना कुर्सी थी वो हैरान रह गये और जब वो नाराज होकर जा रहे थे तो मीडिया वालों ने भी उनसे कारण पूछा तो उन्होंने चलते चलते अपने शब्दों में नारजगी जताई और कहा कि वह अधिकारियों की शिकायत आयुष मंत्रालय में करेंगे। से करेंगे। उनके पीछे पीछे कृष्णवीर सिरोही भी आ गये। राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल अपनी कार में बैठे और वापस चले गये। लेकिन सवाल ये उठा कि यह सरकारी कार्यक्रम था और राज्यसभा सांसद के मंचीय प्रोटोकोल का ध्यान अधिकारियों को रखना चाहिए था। लेकिन यहां पर कार्यक्रम में मंच के उधर भी कई भाजपा नेता बैठे थे, कुछ मंच पर भी थे। लेकिन जब राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल नाराज होकर जा रहे थे तो उन्हें किसी ने भी रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया। ना ही किसी अधिकारी ने उन्हें रोका और ना ही उनकी पार्टी के किसी पदाधिकारी ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस अनदेखी की चर्चायें भाजपा में हो
रही है।
फिर घर पर आकर भाजपा कार्यकर्ता एवं संघ के लोगों के साथ देखा टीवी पर कार्यक्रम
एक तरफ जहां केंद्र सरकार जनता को एक के बाद एक सौगात दे रहे हैं वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो सरकार के कामों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। इसका नजारा उस समय देखने को मिला जब गाजियाबाद में नवनिर्मित यूनानी मेडिकल मेडिसन कॉलेज के उद्घाटन का कार्यक्रम होना था ऐसे में स्थानीय सांसद एवं कैबिनेट जनरल वीके सिंह के साथ राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल भी मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे लेकिन राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल उस समय स्तब्ध रह गए जब उन्होंने देखा कि उनके लिए प्रबंधक ने कोई कुर्सी ही नहीं लगाई है। बेहद शांत और सौम्य स्वभाव के धनी अनिल अग्रवाल इस बात से बेहद अचंभित हुए और कार्यक्रम स्थल से निकलकर अपने आवास पर जाकर उन्होंने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखा। बड़ी बात यह है कि पूरा कार्यक्रम सरकारी था और ऐसे में केंद्र सरकार में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रभावशाली सांसद के साथ ऐसा व्यवहार होना बेहद अचंभित कर गया।
इसके बाद ही प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में ही इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि ऐसी मिस्टेक किससे और क्यों हुई हालांकि अभी कहा जा रहा है कि यह मिस्टेक नहीं बल्कि ब्लंडर मिस्टेक है जो कि जिम्मेदार लोगों के लिए बेहद घातक साबित हो सकती है लेकिन सारे घटनाक्रम के बाद राज्यसभा सांसद अपने घर पहुंचे और उन्होंने भाजपा कार्यकतार्ओं एवम संघ के लोगो के साथ टीवी पर प्रधानमंत्री का कार्यक्रम देखा।