वन्य जीव क्षेत्र में बने आवास को लेकर 6 फरवरी को दिया जाना है जवाब
सोनभद्र (करंट क्राइम)। वन्य जीव क्षेत्र में आवास और आॅफिस के भवन निर्माण को लेकर सुप्रिम कोर्ट के अधिवक्ता आशीष चौबे की याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने डीएम सोनभद्र सहित 9 लोगों को नोटिस जारी किया है और एक महीने के अंदर जवाब मांगा है।
सुप्रिम कोर्ट के अधिवक्ता आशीष चौबे ने अपनी याचिका में कैमूर वन्य जीव क्षेत्र में बने आवास को नियम विरूद्ध बताया है।
यह याचिका एसीपी टॉलवेज प्राईवेट लिमिटिड द्वारा लोढ़ी में कैमूर वन्य जीव क्षेत्र में बने आवास आॅफिस के भवन निर्माण से संबंधित है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के उलंघन को लेकर एनजीटी में यह याचिका दाखिल की गयी थी।
शिकायतकर्ता के साथ निरीक्षण कर मांगी गयी थी वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट
7 अक्टूबर को इसी वर्ष कोर्ट ने अपने एक आदेश में ज्वार्इंट कमेटी बनाकर अतिरिक्त मुख्य सचिव वन विभाग, मुख्य वन संरक्षण उत्तर प्रदेश सरकार, उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड तथा डीएम सोनभद्र को शिकायत कर्ता के साथ स्थलीय निरीक्षण कर वास्तिवित स्थिति की रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन ये कमेटी निर्धारित समय में रिपोर्ट देने में विफल रही। कोर्ट ने 19 दिसम्बर को इस मामले में कड़ा रूख अपनाते हुए डीएम सोनभद्र, एसीपी टोलवेज प्राईवेट लिमिटिड, पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन विभाग, यूपी स्टेट राजमार्ग प्राधिकरण, जिला वन अधिकारी सोनभद्र, क्षेत्रीय वन अधिकारी कैमूर वन्य जीव, पर्यावरण मंत्रालय लखनऊ को नोटिस जारी कर एक महीने के अंदर जवाब मांगा है। अब अगली सुनवाई 6 फरवरी 2023 को होगी।