पूरे मामले में संगठन को सौंपी जांच और खत्म होगा ये घमासान
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। आरकेजीआईटी कॉलेज में एमएलसी दिनेश गोयल के पास पार्टी के राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, विधायक अतुल गर्ग, विधायक अजितपाल त्यागी, विधायक सुनील शर्मा, विधायक नंदकिशोर गुर्जर और महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा गये तो मुलाकात करने थे लेकिन उन्हें भी नहीं पता था कि आपसी प्रस्ताव को लेकर रिश्तों के अलगाव की नौबत आ जायेगी। बॉयोडाटा किसका था और देना किसको था, लेना किसको था और इसको लेकर आपस में उलझ गये भाजपा के जनप्रतिनिधि। पहले एमएलसी दिनेश गोयल ने लैटर लिखा और इस लैटर के मैटर को लेकर फिर पलटवार हुआ और इसके बाद फिर से एमएलसी दिनेश गोयल ने लैटर लिखा। लैटर में जो भी लिखा और मैटर जो भी था लेकिन पार्टी की जनप्रतिनिधियों वाली तकरार सामने आ गयी। सूत्र बताते हैं कि मामला प्रदेश से लेकर भाजपा के राष्टÑीय नेतृत्व तक पहुंचा है, और राज्य तथा राष्टÑीय नेतृत्व इस मामले में बेहद नाराज है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी के सांसद विधायकों और एमएलसी की इस तकरार को लेकर संगठन ने एक समिति बना दी है। कहा यही गया है कि अगर कोई दिक्कत या शिकायत थी तो पहले पार्टी आला कमान को अवगत कराते।
मंगलवार को भाजपा महानगर कार्यालय पर प्रभारी के सामने रखी जनप्रतिनिधियों ने बात
आरकेजीआईटी कॉलेज के घटनाक्रम को संगठन ने गम्भीरता से लिया है और बताते हैं कि इस घटनाक्रम में शामिल सभी जनप्रतिनिधियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मंगलवार को भाजपा के महानगर कार्यालय पर स्पष्टीकरण देने के लिए भाजपा के जनप्रतिनिधि पहुंचे। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर प्रदेश मंत्री तथा महानगर प्रभारी अमित बाल्मीकि ने महानगर कार्यालय पर बंद कमरे में बारी बारी से आरकेजीआईटी प्रकरण में मौजूद विधायकों से बात की। एक एक कर सब पहुंचे और मुलाकात के बाद अपनी बात रखी।
अगर थी भी कोई तकरार तो वो क्यों पहुंची दर-ए-अखबार
सूत्र बताते हैं कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस पूरे मामले में जनप्रतिनिधियों के रवैये से नाराज है। अगर कोई तकरार थी भी तो वह संगठन से पहले अखबारों तक क्यों पहुंची। एक लैटर पहुंचा और फिर उसके बाद दूसरे लैटर की क्या जरूरत थी। राज्यसभा सांसद हों, विधायक हों या एमएलसी हों उन्हें आपसी बातचीत को इतना बढ़ाने की क्या जरूरत थी। सूत्र बताते हैं कि पार्टी आलाकमान इस बात से बेहद नाराज है कि ये लड़ाई आखिर अखबारों तक क्यों पहुंची।
किसमें रही कमी और क्या था खोट, भेज दी गयी है ऊपर रिपोर्ट
आरकेजीआईटी मामले को लेकर संगठन ने गम्भीर रूख लिया है। संगठन इस बात से नाराज है कि आपस की बात भी अखबारों तक पहुंची। जो कोई मुददा ही नहीं था उसे लेकर घमासान हो गया। किसकी कमी थी और किसमें खोट था, इसे लेकर पूरी रिपोर्ट तैयार हुई है और यह रिपोर्ट ऊपर यानी शीर्ष नेतृत्व के पास भेज दी गयी है।
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