अतुल गर्ग के पत्र के बाद फिर से दौड़ा करंट फुल
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। नवयुग मार्किट में स्थित वाल्मीकि पार्क को भगवा पहचान देने वाले नेता के रूप में प्रदीप चौहान का नाम सबसे पहले आता है। प्रदेश में सरकार किसी भी दल की रही हो लेकिन यहां पर वाल्मीकि समाज के साथ भगवा बल को प्रदीप चौहान ने ही कायम रखा है। यह केवल एक पार्क नहीं है बल्कि वाल्मीकि समाज की आस्थाओं का एक बड़ा केंद्र है। यहां पर समाज के लोग भी आते हैं और सफाई कर्मचारियों की कई बैठक, कई मसले यहां हल होते है।
सूत्र बताते हैं कि यहां कई दिनों से इंटरनल विवाद चल रहा था और इस विवाद के बाद वाल्मीकि पार्क का करंट गायब हो गया। यहां पर जो करंट धारा प्रवाह आ रहा था वो फ्यूज हो गया और वाल्मीकि पार्क की बत्ती गुल हो गई। अब वाल्मीकि पार्क की बत्ती किसके इशारे पर गुल हुई, किसने गुल कराई और क्यों कराई इसको लेकर टेंशन का माहौल बन गया। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के नामित पार्षद और सफाई कर्मचारी नेता तथा भाजपा अनुसूचित मोर्चा के क्षेत्रीय महामंत्री प्रदीप चौहान ने इस मामले में निगम अधिकारियों से लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों तक कड़े शब्दों में अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में बताया था कि यह पार्क वाल्मीकि आस्था का केंद्र है।
बताते हैं कि प्रदीप चौहान के तेवरों के बाद बिजली विभाग के अफसर इस मामले में बैलेंस भी साधना चाहते थे और एक्शन भी चाहते थे। लिहाजा उन्होंने यहां बिजली का कनेक्शन तो जोड़ा लेकिन केवल वाल्मीकि मंदिर का कनेक्शन जोड़ा। बताते हैं कि जो भी गुमनाम शिकायत हुई थी उसमें गाय का भी ट्वीस्ट था। आरोप यह था कि प्रदीप चौहान यहां पर गाय पाल रहे है। लेकिन खुलासा यह हुआ कि ये गाय दूध नहीं देती है बल्कि बांझ गाय है और प्रदीप चौहान इन गायों का लालन-पालन कर रहे है। ये एक तरह की गऊ सेवा है। इस कनेक्शन की स्टोरी में ट्वीस्ट तब आया जब यहां शहर विधायक अतुल गर्ग की एंट्री हो गई। मामला उनके पास पहुंचा और जब उन्हें पता चला कि यहां वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों से लेकर गऊ सेवा का काम हो रहा है। वाल्मीकि समाज का मंदिर है तो उन्होंने बिजली विभाग के अफसरों को फोन किया। इसके बाद वाल्मीकि पार्क में फिर से विद्युत आपूर्ति बहाल हो गई। बताते हैं कि दो दिन तक वाल्मीकि पार्क की लाईट कटी रही थी और यदि इस समस्या का समाधान नहीं होता तो मामला दूसरे विवाद की तरफ बढ़ रहा था। बहरहाल शहर विधायक अतुल गर्ग की एंट्री के बाद लाईट का करंट दौड़ने लगा है।
पहले हटा था बिजली का वायर या पहले आया था बुलडोजर
(करंट क्राइम)। बात पावर की थी और फिर पावर हाउस ही टारगेट पर आ गया। दोनों एक-दूसरे में कमियां तलाश रहे थे और कानून की बात कर रहे थे। निगम की भूमि पर बना वाल्मीकि पार्क है। यहां पर समाज की ही गतिविधियां संचालित होती है। मयान से तलवार दो सरकार वालों के बीच निकली थी लेकिन पावर की इस लड़ाई में करंट का झटका पावर वाले ही खा गए। नाले के ऊपर निर्माण की बात थी और जब इधर से तार हटा तो उधर बुलडोजर जा डटा। जो बिजलीघर कितने सालों से चल रहा था और जिस बिजलीघर के लिए यहां कर्मचारियों ने रास्ते में खंभा डालकर रास्ता ही बंद कर दिया था वो बिजलीघर बुलडोजर के झटके नहीं सह सका और ढह गया। अब यही तलाशा जा रहा है कि पहले बिजली वालों ने तार हटाया था या फिर पहले बुलडोजर आया था।
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